महाराष्ट्र के शिरडी में रविवार से अघोषित बंद का ऐलान किया गया है। दरअसल हुआ यूं कि शुक्रवार को सीएम उद्धव ठाकरे ने साईं बाबा के जन्मस्थान को लेकर एक बयान जारी किया और साथ ही 100 करोड़ रुपए देने का भी ऐलान कर दिया। इसको लेकर शिरडी की जनता में नाराजगी का माहौल बन गया। उसी के चलते यहां के लोगों ने असीमित समय के लिए बंद का ऐलान कर दिया।
साईं बाबा की जन्मभूमि को लेकर उपजा यह विवाद कोई नया नहीं है, लेकिन अभी तक इस मामले पर किसी का रूख पूरी तरह से स्पष्ट नहीं था। इसीलिए यह विवाद ठंडे बस्ते में चल रहा था मगर प्रदेश के मुखिया का बयान आने के बाद अब इस विवाद ने बड़ा रूप लेना शुरू कर दिया है। इसका असर शनिवार यानि आज से ही महाराष्ट्र में कई जगह खासकर शिरडी में देखने को मिल रहा है।
ये है पूरा मुद्दा :
सभी जानते हैं कि साईं बाबा की कर्मस्थली शिरडी रही है। मगर उनका जन्म कहां हुआ इसको लेकर अभी तक कोई स्पष्ट रूप से जानकारी न तो यहां की सरकारों ने बताई न ही इतिहासकारों, लेखकों या फिर जनता बता पाई है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि साईं बाबा का जन्म महाराष्ट्र के ही परभणी जिले के ‘पाथरी गांव’ में हुआ था। लेकिन शिरडी के लोग यह मानने को तैयार नहीं हैं, उनका कहना है कि इस बात की कहीं कोई पुष्टि नहीं है। इसलिए यह बात सत्य नहीं है।
ये हैं विवाद के कारण :
साईं बाबा के जन्मस्थान को लेकर उपजे विवाद का कारण खुद सीएम ठाकरे की इस बात की ओर पुष्टि करना है कि उनका जन्म पाथरी में हुआ। यहां स्थित साईं मंदिर में व्यवस्थाओं के अभाव को दूर करने के लिए उन्होंने 100 करोड़ रुपए देने की घोषणा भी कर दी। ऐसे में वहां भी एक भव्य मंदिर के साथ अन्य प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ भक्तों को मिल सकेगा। साथ ही सुविधा मिलने पर दर्शनार्थियों में भी इजाफा होगा। इसलिए शिरडी के लोगों में डर है कि कहीं साईं भक्त शिरडी की जगह पारथी की तरफ डायवर्ट होने न लग जाए। और जो चढ़ावा यहां मिलता था कहीं न कहीं उसमें भी कटौती हो सकती है। यहां के लोगों के व्यवसाय पर भी इसका असर पड़ सकता है।
भौगोलिक राजनैतिक रूप में पाथरी :
भौगोलिक स्थिति की बात करें तो साईं जन्मस्थान मंदिर शहर के बीचोंबीच में स्थित है। साथ ही पाथरी एक विधानसभा क्षेत्र है जो शिरडी से करीब 275 किमी. दूर पड़ता है। इसकी जनसंख्या करीब 37 हजार है। यह क्षेत्र परभणी लोकसभा के अंतर्गत आता है। यहां से शिवसेना को चार बार जीत हासिल हुई है। वहीं एनसीपी और निर्दलीय को सिर्फ 1—1 बार ही जीत मिल पाई है।
एनसीपी नेता कर चुके दावा :
साईं बाबा के जन्मस्थान को लेकर एनसीपी के नेता दुर्रानी अब्दुल्लाह खान ने दावा किया है कि उनका जन्म पाथरी में ही हुआ था। साथ ही उन्होंने शिरडी को साईं बाबा की कर्मस्थली बताया। खान ने कहा कि यहां के लोगों को डर है कि यदि पाथरी प्रसिद्ध हो गया तो श्रद्धालुओं की भीड़ वहां चली गई। वहीं बीजेपी सांसद सुजय विखे पाटिल ने कानूनी लड़ाई की चेतावनी दी है।