– रिसर्च में सबसे अव्वल फिर भी..
कोरोना का जनक कहे जाने वाले देश चाइना से गुरुवार को आई एक खबर ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। जी हां, चीन में करीब दो महीने से भी ज्यादा के लॉकडाउन के बाद यहां पुन: जनजीवन पटरी पर लौटा ही था कि कोरोना के करीब 63 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से देश ही नहीं बल्कि दुनिया में हडकंप मच गया है। अब दूसरे देशों जहां यह वायरस कंट्रॉल में है, उनको भी इसके पुन: सक्रिय होने का डर सताने लगा है। हालांकि एक रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में मिले 63 नए पॉजिटिव केसों में 2 लोग स्थानीय हैं, जबकि 61 दूसरे देश से आए हुए लोग बताए जा रहे हैं।
बता दें कि चीन कोरोना वायरस के चलते पहले ही बड़ा भारी नुकसान झेल चुका है। अब यदि दोबारा यहां वायरस का संक्रमण फैलता है तो स्थिति सोचनीय होगी। अब तक दोबारा चीन में सामने आए मामलों की संख्या 1 हजार के पार हो चुकी है। वहीं अभी तक चीन में हुई मौतों का आंकड़ा भी 3 हजार के पार जा चुका है।
यही वजह है कि चीन कोरोना वायरस के वैक्सीन पर जमकर रिसर्च कर रहा है। इसका खुलासा हाल ही में ब्रिटेन की कंपनी फिनबोल्ड की ओर से जारी की गई कोरोना वायरस रिसर्च इंडेक्स से हुआ है। फिनबोल्ड ने अपनी इस रिपोर्ट में कोरोना को लेकर दुनियाभर में चल रहे शोध और अध्ययन का ब्यौरा पेश किया है।
इसमें पाया गया है कि चीन करीब 60 शोधों के साथ दुनिया में टॉप नंबर पर है। वहीं अमेरिका करीब 49 रिसर्च के साथ दूसरे नंबर पर बना हुआ है। हालांकि इस वायरस से बचने के लिए दुनियाभर के लगभग सभी देशों में सबसे पहले वैक्सीन बनाने की होड भी मची हुई है। देखना होगा कि सबसे पहले इसमें कौन सफलता हासिल करता है।