– चुनाव लड़ने वालों की परीक्षा हुई कठिन..
राजस्थान में छह नगर निगमों में होने वाले चुनाव एक बार फिर टल गए हैं। प्रदेश में नगर निगम चुनावों पर लगा ये ग्रहण हटने का नाम नहीं ले रहा है। तारीख पे तारीख मिल रही हैं। लेकिन चुनाव हैं कि होते ही नहीं। इससे पहले अप्रैल के प्रथम सप्ताह में होने थे चुनाव, उसके बाद 15 अप्रैल के बाद की खबरें आईं थीं। लेकिन लॉकडाउन के चलते चुनावों को टाल दिया गया। इस बार कोरोना संकट के चलते चुनावों पर फिर से रोक लगानी पड़ गई। निर्वाचन आयोग की ओर से हाईकोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। जिसे हाईकोर्ट ने आज मंगलवार को स्वीकार कर लिया।
चुनाव आयोग की ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में कोरोना महामारी के चलते चुनावों को और आगे खिसकाने की मांग की थी। जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया और सीजे इंद्रजीत महंती की खंडपीठ ने चुनावों को 31 अगस्त तक टाले जाने का आदेश दिया।
जनसेवकों की परीक्षा हुई कठिन :
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद चुनाव लड़ने वाले जनसेवकों के लिए यह एक परीक्षा की घड़ी बनती नजर आ रही है। ऐसे में कोरोना संकट के इस दौर में जरूरतमंद लोगों एवं अपने अपने क्षेत्रों में सेवा का कार्य कर रहे स्थानीय जनसेवकों की परीक्षा और कठिन हो गई है। अब देखना होगा कि क्या ये जनसेवक अपनी जनसेवा पर यूं ही कायम रहते हैं या फिर धीरे-धीरे अपने हाथ खींचते नजर आएंगे? जनता के लिए अपने वार्ड में सही नेता चुनने का एक और मौका इस बीमारी ने दे दिया है। ऐसे में वह असल जनसेवक का फैसला कर सकेंगे।