– होटल ओम टॉवर के बाहर कर्मचारियों ने दिया धरना
सरकार कह रही है कि कोई भी संस्थान अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान निकालेगा नहीं, लेकिन इसके ठीक विपरीत एक तस्वीर बुधवार को राजधानी जयपुर में देखने को मिली। जहां एक होटल के बाहर कुछ कर्मचारी अंदर घुसने का प्रयास करते, इससे पहले ही होटल को अंदर से लॉक कर दिया गया। लॉकडाउन में ढील मिलते ही जहां लोग अपने काम की जगहों पर लौटने की खुशी मना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इन सैकड़ों कर्मचारियों के माथे पर अपनी नौकरी बचाने की लकीरें तपती दोपहरी में साफ देखी जा सकती है।
ये है पूरा मामला :
चर्च रोड एमआई रोड पर स्थित होटल ओम टॉवर के करीब 80 कर्मचारियों को होटल मैनेजमेंट की ओर से व्हाट्सएप पर एक मैसेज भेजा जाता है। इस मैसेज में लिखा होता है कि होटल के अंदर कई वर्षों से रिनोवेशन का काम नहीं किया गया था। इसलिए होटल को और खूबसूरत बनाने के लिए उसमें कुछ और क्रिएटिव कार्य कराने की आवश्यकता है। इस दौरान यह कार्य कब तक चलता है यह कहना निश्चित नहीं है। इसलिए हम सभी स्टाफ मेंबर्स से निवेदन करते हैं कि वह होटल की ओर से दिए गए मोबाइल, सिम कार्ड एवं ड्रेस आदि को लॉकडाउन खुलते ही जमा करवा दें।
17 सालों से कर रहे थे काम :
होटल प्रबंधन की ओर से दिए गए इस आदेश में ऐसे कर्मचारी भी शामिल हैं जिन्हें यहां काम करते हुए करीब 17 साल से अधिक समय हो गया। ऐसे में व्हाट्सएप पर मिले इस मैसेज से एक झटके में उनकी नौकरी चली गई। यहां काम करने वाले अन्य कर्मचारियों का कहना है कि होटल प्रबंधन उन्हें निकालने का बहाना बना रहा है। यदि ऐसा होता तो वह कम से कम एक महीने पहले बताया होता ताकि अपनी रोजी रोटी का इंतजाम कर लेते। लेकिन अब कहां जाएं, मकान का किराया, बच्चों की फीस और घर का खर्चा चलाना दूभर हो रहा है। कहीं नौकरी से न निकाल दें, इस डर से हमने अभी तक होटल प्रबंधन से बकाया सेलेरी भी नहीं मांगी थी।
होटल कर्मचारियों का कहना है कि अप्रैल के पहले लॉकडाउन तक तो होटल वाले बुलाते रहे। लेकिन दूसरा लॉकडाउन लगते ही होटल वालों ने एक मैसेज के माध्यम से होटल के रिनोवेशन का बहाना लगा होटल का सामान जमा करवाने का मैसेज डाल दिया। यह मैसेज 19 अप्रैल को उनके मोबाइल पर भेजा गया था।
अब प्रबंधन दे रहा धमकी :
लॉकडाउन में छूट मिलते ही आज कर्मचारी जैसे ही होटल पहुंचे तो इसकी भनक होटल प्रबंधन को हो गई। होटल प्रबंधन ने अंदर से होटल को लॉक कर लिया और चुनिंदा स्टाफकर्मियों के अलावा किसी को भी अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। ऐसे में होटल पहुंचे कर्मचारियों ने होटल के मालिकों से बात करी तो उन्होंने इस तरह की कार्यवाई को सिरे से नकार दिया और होटल प्रबंधन से बात करने की बात कही। लेकिन होटल प्रबंधन मानने को राजी नहीं है। जब कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के आदेश की कटिंग दिखाई तो प्रबंधन उल्टा उन्हें धमकाने की बात करने लगा।