– इस अवसर पर संस्थाओं ने बांटे सेनेटरी पैड..
हर साल 28 मई को पूरी दुनिया में ‘मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ मनाया जाता है। इसकी शुरुआत आज से 6 साल पहले यानि 2014 में जर्मन एनजीओ ‘वॉश यूनाइटेड’ ने की थी। 28 तारीख और मई माह को चुने जाने का कारण भी रोचक है। आमतौर पर महिलाओं के मासिक धर्म 28 दिनों के भीतर आते हैं और इसका पीरियड पांच दिनों का होता है। इसी कारण इस खास दिवस को मनाने के लिए पांचवें महीने मई की 28 तारीख को चुना गया। इसको मनाने के पीछे का उद्देश्य लड़कियों एवं महिलाओं को पीरियड्स यानी महीने के उन पांच दिनों में स्वच्छता और सुरक्षा के लिए जागरूक करना है।
माहवारी बीमारी नहीं है :
राजस्थान की राजधानी जयपुर में महिला एवं बच्चों का जीवन संवारने का काम रही शिल्प सृजन संस्था की ओर से गुरुवार को वर्ल्ड मेंस्ट्रुअल हाईजीन डे के अवसर पर कच्ची बस्तियों में सेनेटरी पैड्स बांटे गए। जिसमें महिलाओं को घरेलू एवं व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में भी बताया गया। इसके अंतर्गत महिलाओं को सेनेटरी पैड के उपयोग के प्रति प्रेरित कर भविष्य में होने वाली विभिन्न बीमारियों के संक्रमण आदि से बचने हेतु जागरूक किया गया। संस्था की ओर से विभिन्न बस्तियों में करीब 5 हजार सेनेटरी पैड का वितरण किया गया।
रूढ़िवादी मान्यताओं को भूलना होगा :
महिला एवं बच्चियों पर काम करने वाली सोशल एक्टिविस्ट शिल्पी शाह ने बताया कि माहवारी या मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं है। यह एक शारीरिक प्रक्रिया है। मासिक माहवारी के संदर्भ में रूढ़िवादी मान्यताएं हैं। जिनकी वजह से महिलाएं इस विषय पर खुलकर चर्चा नहीं करती हैं। उनके मन में मासिक धर्म को लेकर जो भ्रांतियां थीं, आज उन्हें दूर करके स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। सेनेटरी पैड के उपयोग से स्वयं महिलाएं एवं बालिकाएं इससे उत्पन्न समस्या या किसी भी संक्रमण से बच सकती हैं।
ध्यान रखने योग्य बात :
इसके अलावा एक और विशेष ध्यान रखने योग्य बात है कि उपयोग किए गए पैड को फेंकें नहीं बल्कि गड्डे में दबा दें या कचरा गाड़ी में अलग बॉक्स में डालें। चूंकि इन्हें इधर उधर फेंकने से बीमारियां फैल सकती हैं। कई जगह इसके निस्तारण की मशीनें भी उपलब्ध हैं।