भारत और चीन के बीच चल रही शांति वार्ता के बीच सोमवार को नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच एक बड़ी झड़ा हो गई। जिसमें भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए। ये घटना एलएसी पर स्थित गलवन घाटी में हुई। बातचीत के इस दौर में इस तरह की घटना से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। बताया जा रहा है इस झड़प में चीनी सेना को भी काफी नुकसान हुआ है।
हालांकि वहां की स्थिति का फिलहाल साफ पता नहीं लग पाया है। गृहमंत्री की ओर से इस घटना को लेकर सीडीएस, विदेश मंत्री एवं सैन्य अधिकारियों के बीच बैठक बुलाई गई। इसके बाद सेना का अगला कदम क्या होगा, फिलहाल उनके बयान का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च अधिकारियों के साथ एक मीटिंग हो चुकी है।
घटना के बाद अंतर्राष्ट्रीय न्यूज ऐजेंसी राउटर के हवाले से चीन की प्रतिक्रिया सामने आई है। उसने एक चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इस घटना को लेकर भारत किसी भी तरह का एकतरफा फैसला न करे। इससे दोनों देशों के बीच हालात और बिगड़ सकते हैं। अब देखना होगा कि भारत की इसको लेकर क्या प्रतिक्रिया आती है। रक्षा जानकारों का कहना है कि अब ये 2020 का भारत है, चीन को ये अच्छे से समझ लेने की जरूरत है।
वहीं चीनी मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार चीन के विदेश मंत्री ने कहा है कि भारतीय सैनिक जबरन सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में मजबूरन चीनी सैनिकों को कड़ा कदम उठाना पड़ा। उनका कहना है कि दोनों देश इस समस्या को बातचीत से हल करने के पक्ष में हैं। इस पूरी घटना के पीछे उन्होंने भारतीय सैनिकों को जिम्मेदार बताया है।
भारत और चीन के बीच सीमा पर इस तरह की घटना साल 1967 में देखने को मिली थी। उसके बाद इस तरह की कोई घटना दर्ज नहीं की गई। हालांकि पिछले कुछ समय से जारी तनाव के बीच भी इस तरह की घटना होने का कोई अंदेशा नहीं था। लेकिन विपक्ष ने सवाल पूछना शुरू कर दिया है कि आखिर सीमा पर चल क्या रहा है। सरकार जल्द इसकी स्थिति को स्पष्ट करे।