जयपुर. राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव एमएल मेहता की स्मृति में एचसीएम रिपा और एमएल मेहता फाउंडेशन द्वारा छठा एमएल मेहता मेमोरियल व्याख्यान 7 दिसंबर को संपन्न हुआ। बढ़ते कोरोना रोगियों को देखते हुए व्याख्यान ऑनलाइन आयोजित किया गया था। ऑनलाइन कार्यक्रम में केंद्र सरकार के अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक श्रीनिवास ने ‘गुड गवर्नेंस प्रैक्टिसेस’ विषय पर अपनी बात रखी।
मेहता सुशासन के रहे हितैषी :
एमएल मेहता फाउंडेशन की मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. रश्मि जैन ने कहा कि, ‘दिवंगत एमएल मेहता भ्रष्टाचार से लड़ने में हमेशा आत्म-प्रेरित थे और हमेशा निरक्षरों के लिए अवसर पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करते थे।’ IIHMR के ट्रस्टी डॉ. अशोक अग्रवाल ने कहा कि ‘स्वर्गीय एमएल मेहता ने भ्रष्टाचार से लड़ने और हमेशा गरीबों की सेवा करने की दिशा में काम किया है। उन्होंने गुड गवर्नेंस मॉडल के माध्यम से कई उदाहरण स्थापित किए हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सुशासन के एजेंडे को बढ़ावा दिया।
केंद्र सरकार के अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक एवं राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के श्रीनिवास ने कहा कि ‘एमएल मेहता के अधीन काम करना एक सकारात्मक अनुभव था। प्रमुख सचिव के कारण ही अधिकारियों को भ्रष्टाचार से लड़ने में शक्ति मिलती थी। शासन की पारदर्शी और जवाबदेह प्रणालियों के लिए पूर्ण समर्थन रहता था। इसलिए कई मायनों में 1994 से 1997 का काल राजस्थान की सिविल सेवा के लिए स्वर्णिम कहा जा सकता है।’
कार्यक्रम में अरुण कुमार, अनिल कुमार, किशन लाल, राकेश मेहता, HCM रिपा जयपुर के महानिदेशक संदीप वर्मा और MLMMF की संरक्षक कमला मेहता ने भाग लिया।