कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए किसानों को आज 14 दिन का समय बीत चुका है। इस दौरान सरकार के साथ किसान नेताओं की 5 बार मीटिंग हुईं, जो कि बेनतीजा रहीं। आज 9 दिसंबर को छठवें दौर की वार्ता होनी थी मगर 8 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने कुछेक किसान नेताओं को अनौपचारिक बातचीत के लिए बुला लिया था। ऐसे में आज होने वाली वार्ता विफल हो गई और अब ये बातचीत कल यानी 10 दिसंबर को होगी।
अमित शाह ने रखा ये प्रस्ताव :
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोमनाथ सिंह ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि ‘गृह मंत्री अमित शाह ने कल किसान संघों से बात की। सरकार किसान यूनियनों को आज एक लिखित प्रस्ताव देगी और वे इस पर विचार करेंगे। इस प्रस्ताव में देश और किसानों के हित में जो भी होगा उस पर विचार किया जा रहा है।’
इसके जवाब में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ‘सरकार की ओर से भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर हम किसान संगठनों के साथ मिलकर चर्चा करेंगें। उसके बाद ही आगे कोई कदम उठाया जाएगा। उम्मीद है शाम तक इस संबंध में स्थिति साफ हो जाएगी।’
किसान नेता बोले :
भारती किसान यूनियन के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि 8 दिसंबर ‘भारत बंद’ के दिन कुछेक किसान यूनियनों को गृह मंत्री अमित शाह ने अनौपचारिक बातचीत के लिए बुलाया था। किसान यूनियन के नेताओं को इस तरह अनौपचारिक बातचीत के लिए नहीं जाना चाहिए था। इस तरह से मिलना शक पैदा करने वाली बात होती है।
इधर किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सुखविंदर सिंह सभरा का कहना है कि सरकार को यदि प्रस्ताव ही भेजना था तो उसे 6 या 7 दिसंबर में ही दे देना था। इस समय सरकार हडबडाहट में हैं। यदि प्रस्ताव में संशोधन की बात आती है तो अब उससे बात नहीं बनेगी।