पौष मास दिसंबर की 13 तारीख से शुरू होने जा रहा है। पंचांग के अनुसार दसवां महीना पौष कहलाता है। इस मास की पूर्णिमा को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है और इसी कारण इस महीने को पौष का महीना कहा जाता है। माना जाता है इस मास में भगवान सूर्यनारायण की पूजा करने से उत्तम स्वास्थ्य और मान सम्मान की प्राप्ति होती है। वहीं इस मास में दान—पुण्य का भी विशेष महत्व माना जाता है।
सूर्य से मिलेगा ये लाभ :
पौष मास में सूर्य पूजन से कई तरह के लाभ होते हैं। सुबह सूर्योदय होने से पहले उठकर स्नानकर सूर्य के मन्त्र ॐ घृणि सूर्याय नमः का पाठ करने का विशेष महत्व माना जाता है। इस मास में गायों को हरा चारा खिलाने का भी महत्व माना जाता है। माता—पिता के चरण स्पर्श करने को भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से रुके कार्यों में तेजी तो आती ही है साथ ही धन लाभ भी होता है।
इससे होगी हानि :
शुभ मुहूर्त के बिना कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, व्रत धारण/उद्यापन, गृहारंभ, गृह प्रवेश आदि कार्यों का निषेध रहता है। आगामी 13 दिसंबर 2019 से पौष मास प्रारंभ होते ही गुरु अस्त एवं धनु संक्रांति (मलमास/खरमास) के चलते शुभ मुहूर्त का अभाव रहेगा। इस अवधि में समस्त शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। 13 दिसंबर 2019 से 14 जनवरी 2020 तक मुहूर्ताभाव रहेगा।