Bharatpur. जिले का एकमात्र सरकारी अस्पताल जहां सिलिकोसिस एवं टीबी जैसी बीमारियों का इलाज होता है। मगर हैरानी की बात है कि पिछले ढ़ाई महीने से यहां टीबी जांच की मशीनें बंद पड़ी हुई हैं। एक्स-रे मशीन भी बंद है। ऐसे में दूर दराज से आने वाले टीबी मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। वहीं ज्यादातर मरीजों को मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में अपनी जेब ढ़ीली करनी पड़ रही है, बावजूद इसके उचित इलाज नहीं मिल पा रहा। बता दें कि सरकार की ओर से क्षय रोग का पूरी तरह से मुफ्त इलाज किया जाता है।
ढ़ाई महीने से बंद है cbnaat test
एक तरफ कोरोना से लोगों का बुरा हाल है तो वहीं दूसरी बीमारियों का इलाज भी लोगों को समय पर नहीं मिल पा रहा है। टीबी अस्पताल में कार्यरत डॉ हेमंत शर्मा ने बताया कि अस्पताल में पिछले करीब ढाई महीने से टीबी की सीबीनाट cbnaat test जांच बंद है। डॉक्टर ने कहा कि भरतपुर के अलावा अलवर और धौलपुर तक में कार्टेज उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए नॉर्मल जांचें (स्मीयर माइक्रोस्कोपी) ही की जा रही हैं।
सिलिकोसिस मरीजों का इलाज रामभरोसे?
टीबी अस्पताल में डिजिटल एक्स रे की मशीन बंद होने के कारण सिलिकोसिस मरीजों का इलाज अब रामभरोसे चल रहा है। ऐसे मरीजों को अब एक्स रे के लिए आरबीएम के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वहीं एक्स रे के अभाव में ज्यादातर मरीजों का नॉर्मल (स्मीयर माइक्रोस्कोपी) जांच के आधार पर ही इलाज दिया जा रहा है।
मन की तसल्ली के लिए दिखा लो—
पेशेंट देखने को लेकर डॉक्टर ने पहले तो कोरोना रिपोर्ट की मांग की, जब उन्हें बताया गया कि पेशेंट के दोनों डोज लग चुकी हैं और किसी तरह के कोई लक्षण नहीं हैं तो जवाब मिला कि पेशेंट की cbnaat जांच तो होगी नहीं, एक्सरे मशीन भी बंद है। ऐसे में मरीज को क्या देखूं, फिर भी मन की तसल्ली के लिए दिखाना चाहते हो तो दिखा लो, बाहर से पर्ची बनवा लाओ, जांच लिख देता हूं। बता दें कि ये वही हेमंत शर्मा हैं जो पिछले लंबे समय से यहां डेपुटेशन पर बने हुए हैं।
बयाना से मंगाई थी X-ray मशीन
करीब 2 साल पहले ही खासतौर पर सिलिकोसिस मरीजों के लिए एक डिजिटल एक्स रे मशीन मंगाई गई थी। जो अब बंद पड़ी हुई है। अप्रैल 2019 में सीएमएचओ के माध्यम से जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. कप्तान सिंह ने बयाना के सामुदायिक चिकित्सा केंद्र पर रखी अतिरिक्त डिजिटल एक्स रे मशीन को टीबी अस्पताल मंगवा लिया था।