गोपाल चतुर्वेदी/चित्तौड़गढ़. बॉलीवुड के जाने माने कलाकार राज जुत्शी शनिवार को राजस्थान के प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ दुर्ग को देखने पहुंचे। यहां उन्होंने दुर्ग का बारीकी से अवलोकन किया और इसके इतिहास की जानकारी ली। चित्तौड़गढ़ दुर्ग के अवलोकन के दौरान राज जुत्शी बहुत अभिभूत हुए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बचपन से विश्व प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ दुर्ग को देखने व उसके बारे में जानकारी लेने का एक सपना था जो आज पूरा हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस वीर भूमि में कई योद्धाओं ने बलिदान दिया है। जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज का युवा इतिहास से दूर होता जा रहा है। आज की युवा पीढ़ी के सपने और सोच अलग हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे पास इतने अनमोल खजाने हैं जिनकी रक्षा भी हमें ही करनी है।
भविष्य के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में राज जुत्शी ने कहा कि अभी वह विगत 31 वर्षों से फिल्मी दुनिया में कार्य कर रहे हैं और तरह तरह की भूमिकाएं वह अभी तक निभा चुके हैं। जब तक दर्शकों का प्यार उन्हें मिलता जाएगा तब तक वह अलग-अलग किरदार में आमजन का मनोरंजन करेंगे।
उन्होंने कहा कि लगभग 125 फिल्मों में वे अभिनय कर चुके हैं, लेकिन सबसे बेहतरीन किरदार गुलजार साहब की फिल्म ‘माचिस’ में निभाया ‘सरदार’ का लगा जो कि उनके कॅरियर का सबसे अच्छा किरदार रहा। वह इसके लिए गुलजार साहब के बहुत आभारी हैं कि उन्होंने इस किरदार के लिए उन्हें चुना।
राज जुत्शी एक परिचय :
1961 में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जन्मे राज जुत्शी ने 1984 में रंगमंच से फिल्मों में कदम रखा। उनकी पहली फिल्म होली थी। आपको बता दें कि राज रेडियो और टीवी आर्टिस्ट दीनानाथ जुत्शी के नाती एवं इमरान खान के सौतेले पिता हैं।
अपने फिल्मी कॅरियर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि बचपन से ही उन्हें नाटकों में अभिनय करने का शौक रहा है और धीरे-धीरे यह सपना फ़िल्मी सफर में बदल गया। आज लगभग सवा सौ फिल्मों में अपने विभिन्न तरह के किरदार निभाकर अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके राज जुत्शी ने कहा कि उन्होंने हिंदी व अंग्रेजी के आलावा कई भारतीय भाषाओं की फिल्मों में अभिनय किया है। जिनमें प्रमुख रूप से मलयालम, बंगाली भाषा में उड़िया, पंजाबी शामिल हैं।