राजस्थान पंचायत चुनावों में हो रहे फेरबदल को लेकर प्रदेश की जनता कन्फ्यूज होती दिखाई दे रही है। वहीं इस बार नियमों में हुए बदलाव को लेकर भी लोगों में असमंजस की स्थिति देखने को मिली। इसका एक उदाहरण पहले चरण की प्रक्रिया में ही देखने को मिल गया। यह मामला है बूंदी जिले की केशवरायपाटन पंचायत समिति की अरनेठा ग्रामपंचायत का। जहां सरपंच पद के लिए पति-पत्नी ही आमने सामने हो गए।
इस बार चुनाव लड़ने के लिए जहां प्रत्याशी की अधिकतम संतान के मामले में किए गए बदलाव को लेकर एक प्रत्याशी ने खुद के साथ ही अपनी पत्नी का भी पर्चा सरपंच पद के लिए दाखिल करवा दिया। लेकिन नियमों में बदलाव के चलते दोनों पति-पत्नी का पर्चा मंजूर हो गया। ऐसे में एक ही सीट से पति-पत्नी एक दूसरे के समक्ष खड़े हो चुनाव प्रचार में उतरने को मजबूर हो गए हैं। हालांकि पत्नी खिलाफत में प्रचार नहीं भी करे मगर सरपंच पद के लिए की जाने वाली औपचारिकताएं तो पूरी करनी ही होंगी।
दरअसल हुआ यूं कि अरनेठा ग्राम पंचायत निवासी बजरंग लाल मेघवाल के दो पत्नियों से कुल 3 संतान हैं। इसी कन्फ्यूजन के चलते उसने अपनी एक पत्नी के नाम से सरपंच पद के लिए सुगना बाई मेघवाल के नाम से दूसरा पर्चा और भरवा दिया ताकि उसका पर्चा खारिज हो तो पत्नी का पर्चा सलामत रह जाएगा। मगर इस बार सरकार ने प्रत्याशी के लिए अधिकतम संतान के नियम में छूट देते हुए कई अन्य तरह के बदलाव की घोषणा पहले ही कर दी थी। जिसके चलते बजरंगलाल का पर्चा खारिज नहीं हुआ। और दोनों पति-पत्नी एक दूसरे के आमने सामने हो गए।