Black Fungus. भारत में कोविड-19 रोगियों में म्यूकोर्मिकोसिस mucormycosis या ब्लैक फंगस के मामलों में तेज वृद्धि के बीच अब ये सवाल अहम हो चला है कि क्या कोरोना के बगैर भी ब्लैक फंगस Black Fungus हो सकता है? इसको लेकर विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है। जिसमें उन्होंने बताया है कि यह फंगल संक्रमण कोविड के बिना भी हो सकता है। साथ ही इसके होने की सबसे ज्यादा संभावनाएं किन लोगों में हैं! बता दें कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने इसे महामारी घोषित किया हुआ है।
कोविड से पहले भी मौजूद था ब्लैक फंगस!
नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य वीके पॉल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह एक ऐसा संक्रमण है, जो कोविड से पहले भी मौजूद था। मेडिकल स्टूडेंट्स को शुरू से ही इसके बारे में बताया और सिखाया जाता है। यह महामारी सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीजों को संक्रमित करती है। जब ब्लड शुगर का लेवल 700-800 तक पहुंच जाता है, तो उस स्थिति को डायबिटीज केटोएसिडोसिस के रूप में जाना जाता है। यह बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों में होना आम है। ऐसे में ये साफ हो जाता है कि कोरोना के बिना भी लोगों में म्यूकोर्मिकोसिस यानी ब्लैक फंगस हो सकता है।
इनको ज्यादा खतरा
एम्स के डॉक्टरों की मानें तो डायबिटीज मरीजों के अलावा जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी कमजोर है, ऐसे लोगों को ब्लैक फंगस का जोखिम अधिक रहता है। वहीं स्वस्थ लोगों को इसके संक्रमण की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।