किसी भी इंसान का तन और मन फिट हो तो जीवन का मजा दुगुना हो जाता है। आज के भागदौड़ वाली लाइफ स्टाइल में आप और हम इसी ओर ध्यान देना भूल जाते हैं। जिससे मन तो दु:खी रहता ही है साथ में तन भी अस्वस्थ हो जा जाता है। इन्हीं परेशानियों से बचने के लिए कुछ छोटे से उपाय बहुत कारगर साबित हो सकते हैं।
इन्हीं में से एक है डिटॉक्सिफिकेशन। जिसका मतलब है तन और मन को शुद्ध रखना। यही डिटाॅक्सीफिकेशन अगर आप भी अपने जीवन में अपनाएंगे तो जीवन खुद-ब-खुद खुशहाल हो जाएगा। इसके लिए अपने भागदौड़ वाले शेड्यूल से थोड़ा सा ब्रेक लेने की जरूरत है। जिसमें लाइफ स्टाइल में थोड़ा सा बदलाव लाकर तन और मन दोनों बड़ी आसानी से डिटॉक्स किए जा सकते हैं।
इसलिए करें डिटॉक्सिफिकेशन :
इसके अंदर हमारे शरीर के सभी अंगों को फिट करने की ओर ध्यान दिया जाता है। इसमें खून को साफ करने के साथ हमारे शरीर के अंग लीवर, गुर्दे, फेफड़े आदि शामिल हैं। इसमें इन अंगों से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। ताकि स्किन पर ग्लो के साथ सारे बॉडी पार्ट्स सही से अपना काम कर सकें।
ऐसे किया जाता है डिटॉक्स :
किसी भी इंसान के शरीर को डिटॉक्स करने के लिए पहले थोड़ी तैयारी की जरूरत पड़ती है। इसके लिए हमें अपने जीवन में बदलाव लाने होते हैं। जिसमें खान-पान में कुछ समय परहेज रखना होता है। इसकी शुरुआत में शरीर के आंतरिक भागों को साफ किया जाता है। इसलिए शुरुआत के दो दिन डाइट में सिर्फ पेय पदार्थ ही लेने होते हैं। इसके बाद अगले दो दिनों तक कच्चे फलों और सब्जियों को तय मात्रा में दिनभर में तीन से चार बार लिया जाता है। इसके बाद एक-एक मीठे पेय पदार्थों या फलों को बंद करें। इसके बाद एक दिन कच्चे नट्स का दो से तीन बार कम मात्रा में प्रयोग करें। फिर बींस और सोया मिल्क का प्रयोग करें। इस तरह शरीर को अंदर से साफ किया जा सकता है। इस प्लान को अपनाने के समय शराब और कैफीन से दूर रहने के साथ गेंहू और प्रोसेस्ड फूड से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
नुकसान भी हो सकते हैं :
एक रिसर्च के अनुसार डिटॉक्स प्रोग्राम को ज्यादा समय अपनाने से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी होने का खतरा रहता है। इस दौरान हमें ज्यादा एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। क्योंकि हमारा शरीर अंदर तेजी से आंतरिक अंगों को साफ करने का कार्य कर रहा होता है। ऐसे में कमजोरी आने का खतरा रहता है।
क्यों पड़ती है जरूरत :
यदि किसी के शरीर में एलर्जी या इंफेक्शन बार—बार होने लगे या अंगों में सूजन आने लगे। ऐसे में शरीर को डिटॉक्स करना अच्छा रहता है। वहीं आंखों में सूजन और महिलाओं में होने वाले मासिक चक्र में अगर अचानक बदलाव आने लगे तब भी यह बॉडी डिटॉक्स करना अच्छा रहता है।