खुशहाल जीवन के लिए स्वस्थ शरीर का होना आवश्यक है। इसीलिए कहा जाता है कि ‘पहला सुख निरोगी काया’। इस काया को स्वस्थ रखने के लिए हमारे भोजन और रहन-सहन का बड़ा हाथ होता है। जिससे मिलने वाले पोषक तत्वों से शरीर को ताकत और रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। हमारे शरीर को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करने में ‘विटामिन-सी’ का बहुत बड़ा हाथ होता है।
यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को तो बढ़ाता ही है साथ ही शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है। जो ठंड के मौसम में बहुत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन इसी मौसम में हम ‘विटामिन-सी’ पाए जाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन पर ध्यान नहीं देते। जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
हो सकती हैं ये बीमारियां :
शरीर में ‘विटामिन-सी’ की कमी होने से कमजोरी आने लगती है। जिससे कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इनमें भूख न लगना, थकान, खून की कमी, मोतियाबिंद, एलर्जी, त्वचा रोग आदि होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं थकान के चलते रोगी में चिड़चिड़ापन भी आने लगता है। इतना ही नहीं ‘विटामिन-सी’ का सेवन न करने से कैंसर और हार्ट प्रॉब्लम होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
यहां मिलेगी भरपूर ‘विटामिन-सी’ :
‘विटामिन-सी’ कई खाद्य पदार्थों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जिन्हें खाने में शामिल करने से इसकी कमी नहीं होगी। इन आहारों में खट्टे फल जैसे अनन्नास, अंगूर, नारंगी, नींबू, संतरा, स्ट्रॉबेरी, पपीता, केला, अमरूद आदि शामिल हैं। वहीं कई सब्जियों जैसे टमाटर, बंदगोभी, हरा धनिया, दालें, पालक, कटहल, पुदीना, चुकंदर आदि में भी ‘विटामिन-सी’ उच्च मात्रा में पाया जाता है।
यदि ये रोग हैं तो जरूर ध्यान दें :
डॉ. बी.एल. गुर्जर ने बताया कि ‘विटामिन-सी’ कम होने से यूं तो शरीर को कई तरह से नुकसान होता है। लेकिन अस्थमा के रोगियों और शरीर में खून की कमी होने पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि ‘विटामिन-सी’ से शरीर में अस्थमा के लिए जिम्मेदार हिस्टामाइन के उत्पादन में कमी आती है। जिससे अस्थमा व सांस संबंधी समस्या की संभावना कम हो जाती है। ‘विटामिन-सी’ के एंटी ऑक्सीडेंट फेफड़ों की सफाई में भी महत्तवपूर्ण माने जाते हैं। वहीं ‘विटामिन-सी’ में एक बेहतरीन हीलिंग पावर होता है, जो त्वचा के घाव जल्दी भरने में मददगार होता है।