समय के साथ जितनी साइंस ने तरक्की की है, उससे कहीं ज्यादा बीमारियां बढ़ी हैं। इन बीमारियों में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाली खतरनाक बीमारियों में से एक है। प्रारंभिक जांच न करवाना या जांच के बाद समय पर इलाज न होने के कारण यह जान भी ले लेता है। कई बार जांच होने के बाद भी बीमारी का पता देरी से चलता है, जिससे छोटी बीमारी भी बड़ा रूप ले लेती है। इसको देखते हुए गूगल एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम बना रहा है, जो जांच को और सक्षम बनाएगी।
पिछले दो साल से गूगल अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के रिसर्चर्स के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। जिसमें ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम बनाया जा रहा है, जो मैमोग्राम यानी ब्रेस्ट के एक्स—रे को स्कैन करके ज्यादा बेहतर नतीजे दे पाएगा। आमतौर पर मैमोग्राम से ही ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाया जाता है, पर इंसानी आँखों के चूक जाने से कई गलत नेगेटिव और पॉजिटिव रिजल्ट आ जाते हैं। इन गलत नतीजों के कारण आगे जाकर मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस एआई सिस्टम ने अब तक मैमोग्राम से कैंसर के ग्रोथ की जांच कर करीब 9.5 प्रतिशत गलत नेगेटिव रिजल्ट को कम किया गया है।
गूगल ने इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को रेडियोलोजिस्ट के साथ काम करने और उनके रिजल्ट को और ज्यादा सक्षम करने के लिए बनाया है। यह सिस्टम मनुष्य की जगह नहीं ले सकता क्योंकि यह सिस्टम भी हर समय सही नतीजे नहीं बता सकता है। रिसर्च में कई बार एआई कैंसर को नहीं देख पाया जिसे डॉक्टर्स ने पकड़ लिया। हालांकि गूगल के बनाए इस सिस्टम से आगे चलकर ज्यादा सटीक नतीजे मिल सकेंगे।