कुछ भूल जाना यूं तो आम बात है, लेकिन यह कब बीमारी का रूप धारण कर ले यह पता नहीं चलता। ऐसा ही कुछ अल्जाइमर रोग में होता है। जो बदलती हुई लाइफस्टाइल और स्ट्रेस के कारण आजकल ज्यादा बढ़ने लगा है। जिसमें व्यक्ति की याद्दाश्त कमजोर होने लगती है और वो बातें भूलने लगता है। इस कारण रोगी हमेशा कुछ न कुछ बात भूलने लगता है। अल्जाइमर एक मानसिक विकार होता है। जो दिमाग के कार्यों पर असर डालता है।
यह बीमारी रोजमर्रा के ऐसे कामों को प्रभावित करती है जो लोग कई वर्षों से करते आ रहे हैं। समय या स्थान के बारे में भ्रम, दृश्यचित्र और संबंधों को समझने में परेशानी जैसे तमाम लक्षणों का सीधा संबंध अल्जाइमर्स रोग से होता है। इससे बचने के लिए कुछ आसान उपाय भी कारगर साबित हो सकते हैं।
क्या है अल्जाइमर :
अल्जाइमर रोग का सबसे सामान्य प्रकार डिमेंशिया है। यह रोग वृद्ध व्यक्तियों में अधिक पाया जाता है। अल्जाइमर रोग धीरे-धीरे स्मृति और सोचने के कौशल को नष्ट कर देता है। जो बाद मेंं दैनिक जीवन में होने वाले सरल काम को पूरा करने की क्षमता को भी समाप्त कर देता है। वैज्ञानिक अभी तक इस रोग के सटीक कारणों की के बारे में जान नहीं पाये हैं। अल्जाइमर रोग के कारण मुख्य या हल्का न्यूरो संज्ञानात्मक विकार होता है।
क्या होते हैं लक्षण :
विस्मृति, नाम याद रखने में परेशानी, कोई कार्य करने या किसी भी समस्या के समाधान में परेशानी, आसान कार्यों को करने में परेशानी महसूस होना, एकाग्र होकर कोई कार्य न कर पाना, रोज आने जाने के रास्तों या विशेष मार्गों को याद रखने में परेशानी होना, परिवार जनों या दोस्तों को भूल जाना।
रोग से बचने के कुछ उपाय :
इस रोग से बचने के लिए स्ट्रेस कम लेना सबसे अच्छा उपाय है। जो व्यक्ति ज्यादा तनाव में रहता है उसमें अल्जाइमर्स रोग का खतरा बढ़ जाता है।
मोबाइल पर रात में ज्यादा समय बिताना भी इस रोग को जन्म दे सकता है। क्योंकि मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से नींद पूरी नहीं होती जो सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।
खाली समय में कुछ न कुछ करने की आदत बनाएं। जिससे दिमाग खाली न रहे। नशा करने वालों के दिमाग पर असर पड़ता है। जिससे इस रोग का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. से बातचीत के आधार पर..