अडूसा Malabar Nut इसे आमतौर पर मालाबार नट और वासाका के नाम से पहचाना जाता है। बता दें कि इस पौधे को एशिया में बड़े स्तर पर उगाया जाता है। चूंकि ज्यादातर चिकित्सा पद्धतियों में इसका प्रयोग काफी समय से होता आ रहा है। इसीलिए इसे एक औषधीय पौधे Medicinal Plant के रूप में भी जाना जाता है। यह पौधा जड़ से लेकर पत्तियों तक उपयोगी है। इसके हरेक भाग का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
अडूसा का उपयोग आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्धा और यूनानी आदि चिकित्सा पद्धतियों द्वारा किया जाता है। डॉक्टरों की मानें तो अडूसा का आयुर्वेद में उपयोग हजारों साल से हो रहा है। खासतौर पर इसमें जीवाणुरोधी, सूजन को कम करने वाले और खून को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। यही कारण है कि इसे आमतौर पर अस्थमा, सर्दी और खांसी जैसी सांस से संबंधित समस्याओं को दूर के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसके अलावा भी अनगिनत बीमारियों के इलाज में इसका उपयोग किया जाता है।
एसिडिटी को करे दूर :
एक आॅनलाइन वेबसाइट के अनुसार एसिडिटी या पेट में जलन महसूस होना एक सामान्य समस्या है। इसका मुख्य कारण है पेट के अम्लीय पदार्थों का खाने की नली में आ जाना। ऐसे में अडूसा को फायदेमंद बताया गया है। चूंकि यह पेट में एसिड के गठन को कम करता है। यदि आपको भी एसिडिटी की परेशानी है तो किसी आयुर्वेद के डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह पर आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे काफी कारगर बताया गया है। के लिए अडूसा का पाउडर, मुलेठी पाउडर और आंवला पाउडर को बराबर मात्रा में लेकर मिक्स कर लें और रोजाना इसका सेवन करें।
एंटीवायरल का गुण :
अडूसा में एंटीवायरल औषधीय गुण होते हैं। ये कई प्रकार के वायरल संक्रमण को फैलने से रोकने में उपयोगी है। इसके साथ ही यह शरीर के तापमान को भी कम करने में सहायक है। इसके अलावा शरीर के अंदर वायु प्रवाह को ठीक करता है ताकि सांस लेने में दिक्कत न आए।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गयी जानकारी लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। इसलिए इस जानकारी का उपयोग बगैर विशेषज्ञ की सलाह के न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए आखिरी उम्मीद जिम्मेदार नहीं होगा।