लॉकडाउन के बाद गांव से शहरों की ओर वापस लौट रहे स्टूडेंट्स को किराए की समस्या से जूझना पड़ रहा है। बात राजस्थान की करें तो इनमें हजारों स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो करीब 3 पहले ही गांव चले गए थे। लेकिन जब वापस आए तो मकान मालिकों ने बगैर किराए के उन्हें कमरे में घुसने ही नहीं दिया। ऐसे पीड़ित छात्रों का विडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो छात्रों ने हैशटैग नो रूम रेंट की मुहिम छेड़ दी। इन छात्रों में ज्यादातर स्टूडेंट्स गरीब परिवारों से आते हैं। ऐसे में वह एक साथ 3 महीने का किराया वहन नहीं कर सकते।
ये था मामला :
राजस्थान की राजधानी जयपुर में गरीब परिवार के दो छात्रों को गांव से लौटने के बाद मकान मालिक ने कमरे में रहने से मना कर दिया। मकान मालिक का कहना था कि पहले 3 महीने का किराए का हिसाब करो तभी अंदर घुसना। छात्रों ने आर्थिक तंगी की बात कहते हुए एक साथ करीब 10 हजार किराया देने में असमर्थता जाहिर की। मकान मालिक ने भी साफ कह दिया कि जब तक किराया नहीं दोगे तब तक कमरे में घुसने की सोचना भी मत। यहां तक कि छात्रों को रात को रुकने से भी मना कर दिया।
यहां देखें पूरा विडियो :
सोशल मीडिया पर चलाई मुहिम :
राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता कुलदीप बैंसला ने ऐसे छात्रों को लेकर सोशल मीडिया पर एक मुहित चलाई हुई है। वीडियो के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मांग की कि ऐसे गरीब परिवार से आने वाले स्टूडेंट्स का सरकार किराया माफ करवाए। साथ ही उन्होंने एक सुझाव भी दिया कि प्रति स्टूडेंट्स 3 हजार तक का किराया माफ किया जाए। इसके लिए सोशल मीडिया पर हैशटैग नो रूम रेंट नाम से मुहिम का समर्थन भी देखने को मिल रहा है।
अब होने लगा है किराया माफ :
किराया माफी को लेकर सरकार से पहले ही इंसानियत के नाते कई मकान मालिक सामने आए हैं। जिन्होंने अपने यहां पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स का पूरा किराया ही माफ कर दिया है। जयपुर के प्रतापनगर, मानसरोवर, महेश नगर आदि जगहों पर कई मकान मालिकों ने स्टूडेंट्स की पीड़ा को समझते हुए उनसे किराया नहीं लेने का फैसला किया है।