– बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में किया है टॉप टेन..
उम्र छोटी है मगर मधुमाला की सोच बड़ी हो जाती है, जब चारों तरफ से गोलियों की आवाजें सुनाईं दें और हाथ में लगी किताब में मन लगाना पड़े। जी हां, नक्सली नाम आते ही दिमाग में देश के कुछ राज्यों की छवि दिमाग में घूमने लगती है। बिहार भी उनमें से एक है। यहां के कुछ नक्सल प्रभावित इलाकों में आए दिन नक्सली और पुलिस की मुठभेड़ की खबरें आम हैं।
कहा जाता है कि यहां कई जगह बचपन से ही बच्चों को बंदूक चलाने और बम बनाने की तालीम दी जाती है। लेकिन अब इस परंपरा को गया की एक बेटी तोड़ना चाहती है, नाम है मधुमाला। बता दें कि हाल ही में बिहार में जारी हुए मैट्रिक के परीक्षा परिणामों में मधुमाला ने राज्य स्तर पर 471 अंकों के साथ टॉप टेन में अपनी जगह बनाई है।
कलक्टर बन करेगी ये काम :
मधुमाला ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा है कि वह बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर बच्चों को शिक्षित करने का काम करेगी। ताकि लोग बंदूक छोड़ कलम थाम लें। इस प्रकार वह अपने समाज और देश के विकास में अपना योगदान देकर के देश सेवा करना चाहती है।
बचपन से ही तेज है मधुमाला :
गया में नक्सल प्रभावित क्षेत्र डुमरिया के कोल्हूबार पंचायत के शिवपुर की रहने वाली मधुमाला एक मध्यम परिवार से आती है। मधु के माता-पिता का कहना है कि वह बचपन से ही दूसरे बच्चों के मुकाबले तेज रही है। वह हमेशा से अलग करती आई है। पहले वह घर से पैदल चलकर करीब 5 किमी दूर स्कूल पढ़ने जाती थी। फिर उसने स्कूल की एक प्रतियोगिता में भाग लिया और इनाम में उसने साइकिल हासिल की। अब उसे स्कूल पैदल नहीं जाना पड़ता।
रिजल्ट आने के बाद मधुमाला का पूरा गांव खुश है। अब गांव के दूसरे लोग भी अपने बच्चों को पढ़ाने लिखाने की बात करने लगे हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मधुमाला ने तो हमारे गांव का नाम ही सुर्खियों में ला दिया।
सम्मानित करने वालों लगा तांता :
रिजल्ट आने के बाद से ही मधुमाला का सम्मान करने वालों का तांता लगा हुआ है। कई सामाजिक संगठन मधु का सम्मान कर चुके हैं। वहीं जिले के डीएम अभिषेक सिंह ने भी मधुमाला को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मधुमाला ने जिले को गौरवान्वित किया है। साथ ही समाज को एक संदेश भी दिया है कि यदि व्यक्ति ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। सरकार की ओर से मिलने वाले पारितोषिक के साथ ही वह उसे व्यक्तिगत रूप से भी मार्गदर्शित करते रहेंगे।
कुछ ऐसा रहा मैट्रिक 2020 का रिजल्ट :
बिहार मैट्रिक बोर्ड में रोहतास जिले के हिमांशु राज ने 481 अंकों के साथ टॉप किया है। वहीं 480 अंकों के साथ समस्तीपुर के दुर्गेश दूसरे नंबर पर रहे। आपको बता दें कि इस बार बिहार मैट्रिक बोर्ड में टॉप टेन की सूची में कुल 41 लोगों ने जगह बनाई है।