राजस्थान में सरकार वीसी पर वीसी करे जा रही है। उधर प्रशासन शिक्षकों को लेकर ऊलजलूल आदेश पारित किए जा रहे हैं। प्रदेश में करीब 4 लाख शिक्षकों में आधे से ज्यादा लोग कोराना ड्यूटी में लगे हुए हैं। इनमें से कुछ अध्यापक रेड जोन एरियाज में निवास करते हैं। वहीं बचे हुए शिक्षकों की जिला प्रशासन के अधिकारियों ने रेल बना रखी है। ऊपर से शिक्षा विभाग ने भी बोर्ड की परीक्षाओं की तारीख घोषित कर दी मगर हैरानी की बात है कि अभी तक शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी से हटाया नहीं गया है। यह स्थिति देखकर तो यही प्रतीत हो रहा है मानो शिक्षा विभाग घोड़े बेचकर कहीं सो गया हो।
शिक्षक संघ खड़े कर चुका है सवाल :
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा 18 जून से शुरू होने वाली हैं। ऐसे में विद्यालय 15 जून से खुल जाएंगे। राज्य में करीब दो लाख शिक्षक कोराना वॉरियर्स के रूप में ड्यूटी दे रहे हैं। अतः सभी शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी से मुक्त कर 14 दिन के होम आइशोलशन में भेजा जाए। ताकि बोर्ड परीक्षा में आने वाले बच्चों के लिए शिक्षक कोराना संक्रमित की भूमिका में नहीं रहें।
कौन लेगा जिम्मेदारी :
करीब 2 लाख शिक्षक अभी तक कोरोना वॉरियर्स के रूप में ड्यूटी दे रहे हैं। ऐसे में कब कौन संक्रमण की चपेट में आ जाए कोई नहीं कह सकता। इस वक्त सरकार एवं प्रशासन को अपनी टैग लाइन के अनुसार सजग एवं सतर्क रहने की आवश्यकता है। क्योंकि इन्हीं शिक्षकों की ड्यूटी 18 जून से शुरू होने वाली परीक्षाओं में लगाएंगे। ऐसे में एक गलत कदम बच्चों के साथ साथ कई लोगों पर भारी पड़ सकता है। यदि ऐसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा?
परीक्षा ड्यूटी से रखे दूर :
सरकार बोर्ड की परीक्षाओं में ड्यूटी देने वाले शिक्षकों को तुरंत प्रभाव से कोरोना ड्यूटी से रिलीव कर उन्हें होम आइसोलेट करे। यदि ऐसा नहीं करती है तो कम से कम ऐसे शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी से दूर रखना ही बेहतर होगा।