जयपुर. आज के युवा भाग्यशाली हैं क्योंकि उनके पास पिछली पीढ़ी के मुकाबले व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक विकास के लिए अधिकाधिक अवसर हैं। युवा न केवल प्राइवेट व पब्लिक सेक्टर में अपनी पहचान बना रहे हैं बल्कि स्टार्टअप के लिए अच्छी सैलेरी वाली नौकरियों को भी छोड़ रहे हैं। ऐसे में युवाओं को इन विशेषाधिकारों के चलते मिल रही जिम्मेदारियों को नहीं भूलना चाहिए। ईमानदारी, मेहनत व निष्ठा से काम कर रहा कोई भी कर्मचारी किसी भी व्यवसाय में सामाजिक बदलाव ला सकता है।
आईआईएस (डीम्ड यूनिवर्सिटी) की ओर से आयोजित आठवें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस दलवीर भंडारी ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि कॉन्वोकेशन संस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होता है जब स्टूडेंट्स शिक्षा प्राप्त कर एक प्रोफेशनल के तौर पर व्यावहारिक जीवन में कदम रखने के लिए तैयार होते हैं।
इन्हें मिलीं मानद् उपाधियां :
पद्म भूषण जस्टिस दलवीर भंडारी को डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। पद्म भूषण जस्टिस दलवीर भंडारी को विश्वविद्यालय द्वारा कानून व न्याय के क्षेत्र में डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। जोधुपर में जन्मे जस्टिस दलवीर भंडारी वर्तमान में अंतराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश हैं।
डॉ. अच्युत सामंत को विश्वविद्यालय की ओर से आदिवासी शिक्षा के क्षेत्र में डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। डॉ अच्युत सामंत उड़िसा के प्रसिद्ध समाजसेवी व शिक्षाशास्त्री हैं। कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रीयल टेक्नोलॉजी (kiet) एवं कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (kiss) के संस्थापक श्री अच्युत सामंत का शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, संस्कृति, साहित्य, ग्रामीण विकास, सामाजिक सेवा एवं आध्यात्म में अतुल्नीय योगदान रहा है।
डॉ. विक्रम शाह को डी एससी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
विश्वविद्यालय की ओर से डॉ विक्रम शाह को हैल्थ केयर के क्षेत्र में डी एससी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। डॉ. शाह शैल्बी हॉस्पिटल्स, गुजरात के फाउंडर चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।
दीक्षांत समारोह की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक गुप्ता ने कुलाधिपति जस्टिस एस.एन. भंडारी की अनुमति से करते हुए मुख्य अतिथि सहित वहां उपस्थित स्टूडेंट्स, पेरेंट्स एवं अन्य अतिथिगणों का स्वागत किया। उन्होंने यह कहते हुए खुशी जाहिर की कि अगले वर्ष 2020-21 में विश्वविद्यालय रजत जयंती मनाएगा। वर्ष 1995 में स्थापित इंटरनेशनल कॉलेज फॉर गर्ल्स से 2009 में डीम्ड विश्वविद्यालय बनने के सफर पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि आज हम देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में अपना नाम शुमार करते हुए विश्वविद्यालय की स्थापना के दूसरे दशक में प्रवेश कर चुके हैं। यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व का अवसर है जब हम 1700 से अधिक छात्राओं को डिग्रियां प्रदान कर रहे हैं।
अंत में डॉ. गुप्ता ने सभी ग्रेजुएंड्स को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में मिले मेहनत, लगन, सेवा भावना, विनम्रता और अखंडता
जैसे संस्कारों को अमल में लाने का वक्त आ गया है। साथ सभी अतिथियों का भी आभार प्रकट किया।