इसलिए नहीं चाहते छात्र नीट परीक्षा हो! तारीख आगे बढ़वाने के पीछे ये है सबसे बड़ा कारण

इसलिए नहीं चाहते छात्र नीट परीक्षा हो! तारीख आगे बढ़वाने के पीछे ये है सबसे बड़ा कारण

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी NTA कल से नीट NEET की परीक्षा लेने जा रही है। मगर इसके पीछे स्टूडेंट्स का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। परीक्षा से पहले ये आक्रोश तब और बढ़ गया जब कल रात को परीक्षा के दवाब में आकर तमिलनाडु की एक छात्रा ने सुसाइड़ कर लिया। इस आत्महत्या के पीछे की वजह उसने नीट परीक्षा में सलेक्शन न होने का डर बताया ​​​है। इसी को लेकर आज ट्विटर पर #BanNEET नाम से ट्रेंड देशभर में दूसरे एवं तीसरे नंबर पर चल रहा है।

तमिलनाडु के मदुरै की ज्योति दुर्गा ने परीक्षा के दवाब में आकर कल रात आत्महत्या कर ​ली। उम्र महज 18 साल बताई जा रही है। ज्योति ने एक सुसाइड नोट भी लिखा। जिसमें उसने नीट में सलेक्शन न मिलने के डर से इस तरह का कदम उठाने की बात कही है। ज्योति के पिता तमिलनाडु पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं। ज्योति ने नोट में लिखा है कि उसकी मौत को लेकर परिवार को दोष न दिया जाए।

ये है पूरा मामला :

ज्योति पिछले साल भी सलेक्ट होने से रह गई थी। इसलिए इस बार परिवार की उम्मीदें उससे अधिक थीं। लंबे नोट में जिस प्रकार से उसने लिखा उसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना के चलते उसकी तैयारी शायद अधूरी रह गई थी। उसने परिवार का मन जानने के लिए परीक्षा से दो दिन पहले अपने पिता से भी बात की। जिसमें उसे लगा कि इस बार परिवार की उम्मीदें पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हैं।

ज्योति ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसके परिवार को उससे बहुत उम्मीदें हैं और ‘अगर मुझे कॉलेज में सीट नहीं मिली तो मेरी सारी मेहनत बेकार चली जाएगी।’ उसे कहीं न कहीं इस का डर था कि यदि इस बार भी उसका नंबर नहीं आया तो वह घरवालों के सामने क्या जवाब देगी। इसी जवाब से बचने के लिए उसने सुसाइड के रास्ते को चुना। उसने इसे बाहर निकलने का सबसे सही रास्ता बताया। इस बात को ज्योति ने अपने सुसाइड नोट में लिखा भी है।

परिवार को लगा पढ़ रही है :

ज्योति अमूमन देर रात तक पढ़ाई करती थी। शुक्रवार को ज्योति ने अपने 13 सितंबर को होने वाले एंट्रेंस के बारे में पिता के साथ बात करी थी। उसके बाद वह अपने कमरे में चली गई। देर रात उसने कमरे में सुसाइड कर लिया। आज सुबह जब ज्योति कमरे से बाहर नहीं आई तो परिवार के लोगों को एक बार के लिए लगा कि रात को देर तक पढ़ाई करी होगी, लेकिन जब समय अधिक हुआ तो उसका दरवाजा खटखटाया। मगर अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। ऐसे में दरवाजे को तोड़ा तो पता चला उसने सुसाइड कर लिया।

इसलिए चाहते हैं डेट बढ़वाना :

कोरोना के इस दौर में परीक्षा की तैयारी कर रहे ज्यादातर छात्रों के टाइम टेबल पर असर पड़ा है। यही कारण है कि वह फिलहाल खुद को परीक्षा के लिए तैयार नहीं मान रहे। ऐसे में वह चा​हते हैं कि उन्हें एक और मौका दिया जाए तैयारी करने का और इसके लिए वह कोरोना का बहाना बना रहे हैं। जबकि असल वजह परीक्षा की तैयारी न होना है। हालांकि सरकार भी इस बात को समझ रही होगी, कि कोरोना के संकट में कई छात्रों के परिवार ऐसे भी हैं जिनका समय अपने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने में ही निकल गया।

मगर सरकार की अपनी मजबूरियां हैं। यदि इस बार परीक्षा आयोजित नहीं की गई तो अगली साल फिर लाखों स्टूडेंट्स और जुड़ जाएंगे। ऐसे में उन्हें रोजगार की समस्या उत्पन्न होगी। वैसे ही सरकार नौकरियां उपलब्ध कराने में विफल होती जा रही है। वहीं अब कोरोना के चलते ये संकट और बड़ा हो चुका है। बता दें कि इस साल करीब 16 लाख स्टूडेंट्स नीट की परीक्षा देने वाले हैं।

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