फल-सब्जी के अवशेष से जोधपुर के छात्रों ने बनाया पशुओं के लिए ये विशिष्ट आहार

फल-सब्जी के अवशेष से जोधपुर के छात्रों ने बनाया पशुओं के लिए ये विशिष्ट आहार

लीक से हटकर कुछ करने की चाह और अपना रास्ता खुद बनाने का सपना इंसान के लिए नए रास्ते खोल देता है। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है जोधपुर के कुछ इंजीनियरिंग छात्रों ने। इन्होंने अपनी सूझबूझ और शिक्षा का प्रयोग कर अपनी अलग पहचान बना डाली है। ये छात्र वेस्ट फूड मटेरियल से पशुओं का पौष्टिक आहार बना रहे हैं।

कंपनी उद्यम क्रिमांशी राजस्थान के सीईओ की मानें तो इस पशु आहार के इस्तेमाल से पशुओं को स्वास्थ्य लाभ भी हो रहा है। जिससे उनकी मेडिकल दखरेख में होने वाले खर्च में करीब 70 फीसदी तक कमी आई है। वहीं दुधारू प​शुओं में इसके उपयोग से दूध उत्पादन में लगभग 25 फीसद तक बढ़ोतरी देखने को मिली है।

इस पशु आहार को बनाने के लिए घरों और बाजारों के बचने वाली कई चीजों का प्रयोग किया जाता है। जिनमें फलों एवं हरी सब्जियों के अवशेष को शामिल​ किया गया है। इन युवाओं की मानें तो कृषि और पशु पालन से जुड़े लोगों को भी इससे काफी सहयोग मिलेगा। अब उद्यम क्रिमांशी राजस्थान नाम की यह कंपनी राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में भी यूनिट डालने जा रही है। जिसे सरकार की ओर से भी सहायता मिल रही है।


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