8000 करोड़ रुपए सालाना मुनाफे वाली सरकारी कंपनी को नहीं मिले खरीददार तो इन्होंने लगाई बिड

8000 करोड़ रुपए सालाना मुनाफे वाली सरकारी कंपनी को नहीं मिले खरीददार तो इन्होंने लगाई बिड

— यदि ये कंपनी खरीदती तो आज देश की नंबर 1 तेल कंपनी बन जाती, जानें क्यों?

देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी जो कि सालाना 8000 करोड़ का मुनाफा कमा कर देती है। हैरानी की बात है कि ऐसी मुनाफे वाली कंपनी को खरीदने में देश दुनिया की दिग्गज कंपनियों ने कोई रुचि तक नहीं दिखाई। जी हां, हम बात कर रहे हैं भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) की। जिसकी बोली में केवल 3 से 4 कंपनियों ने ही हिस्सा लिया। मगर जिन कंपनियों से आस लगाई जा रही थी, वो अचानक से नदारद हो गईं।

बता दें कि सरकार की BPCL में 52.98 फीसदी यानी 47,430 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी है और भारत सरकार अपनी ये पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। सरकार काफी पहले से मन बनाए हुए थी। मगर अच्छे खरीददार नहीं मिलने के कारण तारीख बदलना उसकी मजबूरी बन गया था, लेकिन इस बार ऐसा न हो सका। गौरतलब है कि इस बार 16 नवंबर की तारीख को अंतिम करार देते हुए डेट को आगे नहीं बढ़ाया। ऐसे में अब सरकार के पास कुल 3 से 4 कंपनियों के ही बिड प्राप्त हो सके हैं।

खरीदते ही नंबर 1 हो जाते!

इस खरीद को लेकर देश की दिग्गज कंपनी रिलाइंस इंडस्ट्रीज से न केवल बोली में शामिल होने की उम्मीद लगाई जा रही थी। बल्कि कयास लगाए जा रहे थे कि रिलाइंस इंडस्ट्रीज खरीद के लिए बड़ी बोली भी लगा सकती है। यदि कंपनी ऐसा करती तो वह देश की नंबर 1 तेल कंपनी बन जाती और तेल क्षेत्र में उसका मुनाफा 22 फीसदी तक बढ़ जाता। मगर ऐसा नहीं हुआ। इतना ही नहीं इस मुनाफे वाली सरकारी कंपनी के लिए सउदी अरामको, बीपी और टोटल जैसी दुनिया की दिग्गज कंपनियां भी किनारा करते नजर आईं। आखिर क्यों?

सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुषार कांत पांडे ने सोमवार को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि बीपीसीएल के लिए कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है। पहले इन कंपनियों की जांच की जाएगी और उसके बाद बिक्री की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

क्या हो सकती है वजह?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुषार कांत पांडे ने ट्वीट के माध्यम से ये तो बताया कि BPCL को खरीदने के लिए 3-4 कं​पनियों ने बिड लगाई है मगर अभी तक ये साफ नहीं हुआ कि ये कंपनियां आखिर हैं कौनसी? जब तक इनके नाम और कंपनी की प्रोफाइल का पता नहीं चलता तब तक इस कहानी से पर्दा उठना मुश्किल है। सूत्रों की मानें तो दिग्गज कंपनियां दूसरे रास्ते से भी BPCL में घुसपैठ कर सकती हैं।

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