यूरोप में एक के बाद एक 7 देशों ने एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन के उपयोग पर रोक लगा दी है। इधर डेन्मार्क में चल रहे एस्ट्राजेनेका के टीकाकरण को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। बता दें कि वैक्सीन लगाने के बाद 60 वर्षीय महिला में ब्लड क्लॉट बनने की शिकायत मिली थी। ऐसी ही समस्या कई और लोगों को भी हुई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने ये फैसला किया। जांच होने तक वैक्सीन के उपयोग पर फिलहाल अस्थायी तौर पर रोक लगा दी गई है।
बहरहाल अभी तक वैक्सीन और ब्लड क्लॉट के बीच संबंध का निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है। चूंकि स्वास्थ्य एजेंसी ने डेनमार्क के ब्लड क्लॉट पीड़ितों की जानकारी नहीं दी है। इधर ऑस्ट्रिया में भी एक 49 वर्षीय नर्स की मौत के बाद एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की जानकारी सामने आई है।
इन देशों ने लगाई रोक
डेनमार्क
नार्वे
ऑस्ट्रिया
एस्तोनिया
लातविया
लिथुआनिया
लक्जमबर्ग
दवा कंपनी का कहना है —
दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका का कहना है कि कोविड-19 वैक्सीन लेने के कई दिनों बाद मरीज को ‘गंभीर रक्त जमावट की समस्या’ हुई थी। दवा एस्ट्राजेनेका ने गुरुवार को रॉयटर्स न्यूज एजेंसी से लिखित जवाब में कहा था कि उसकी वैक्सीन के असर की जांच मानव परीक्षण से हुई थी। उसने लिखा था कि उसे सख्त और कठोर गुणवत्ता नियंत्रण से गुजरना पड़ा था और वैक्सीन से जुड़े गंभीर प्रतिकूल प्रभाव वाले मामले सामने नहीं आए थे।
भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में तैयार हो रही है वैक्सीन
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन भारत में स्थानीय स्तर पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तैयार कर रही है। खबरों के मुताबिक और प्राप्त जानकारी के अनुसार एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का संपूर्ण असर 70.42 फीसदी था। बता दें कि इम्यूनिटी हासिल करने के लिए एक शख्स को एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के दो डोज लेने की जरूरत है।