बिजली के तार के साथ आम जनता को बिजली का बिल भी झटका देने के लिए काफी होता है। जो कि अब आयकर विभाग के साथ मिलकर लगने वाला है। इसी बिल और आयकर विभाग के संबध को बताते हुए आयकर विभाग ने व्यक्तिगत करदाताओं के लिए इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव किया है। जिसके तहत एक लाख रुपए से अधिक बिजली का बिल भरने वालों के लिए फॉर्म का स्वरूप अलग किया जाएगा।
इसी के साथ घरों के संयुक्त मालिक और विदेश यात्रा पर हर साल दो लाख से अधिक खर्च करने वाले अब आईटीआर-1 फॉर्म से रिटर्न फाइल नहीं कर सकेंगे। वैसे व्यक्तिगत आयकर रिटर्न के लिए सरकार हर वर्ष अप्रैल में अधिसूचना जारी करती है। इस बार 2020-21 असेसमेंट वर्ष के लिए जनवरी में ही अधिसूचना जारी कर दी गई है। जिससे आईटीआर में दो परिवर्तन सामने आए हैं। इससे कोई व्यक्तिगत करदाता, जिसके नाम सम्मिलित रूप से कोई मकान है, वह आईटीआर-1 या आईटीआर-4 के माध्यम से रिटर्न नहीं भर सकता है।
ऐसे समझें :
अधिसूचना के अनुसार आईटीआर में दो महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। कोई व्यक्तिगत करदाता, जिसके नाम सम्मिलित रूप से कोई मकान है, वह आईटीआर-1 या आईटीआर-4 के माध्यम से रिटर्न नहीं भर सकेगा। करदाता को सारी जानकारी विभाग को देने के लिए अलग फार्म भरना होगा। अपने बैंक में एक करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा रखने वाले, हर साल विदेशों में घूमने पर लाखों रुपए खर्च करने वाले और एक लाख रुपए से अधिक बिजली का बिल भरने वाले करदाताओं को भी अपना रिटर्न अब दूसरे फॉर्म के जरिए भरना पड़ेगा।
मौजूदा व्यवस्था के अनुसार 50 लाख रुपए तक की सालाना कमाई वाले व्यक्ति आईटीआर-1 ‘सहज फॉर्म भर सकते हैं। वहीं व्यवसाय और नौकरी से हाने वाली अनुमानित और 50 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले हिन्दू अविभाजित परिवार, एलएलपी को छोड़कर अन्य कंपनियां, व्यक्तिगत करदाता आईटीआर-4 सुगम में रिटर्न भरते हैं। जो अब बदल दिया गया है।