दुनिया में अब तक जो भी बड़े आविष्कार हुए हैं उनका जिक्र पुरातनकाल में कहीं न कहीं आपको देखने मिल जाएगा। जब हवाई जहाज के आविष्कार की बात आई तो रामायण में हजारों साल पहले रावण के पुष्पक विमान का जिक्र मिलता है। मगर अब एक और ऐसी नई खोज सामने आई है, जिससे मनुष्य के जीवन में एक बार फिर से बड़ा बदलाव संभव है। बता दें कि कई देशों के वैज्ञानिक हवा को ही भोजन का रूप देने में लगे हैं। हालांकि ये बात सुनने में अजीब भले लगती हो मगर ये असंभव नहीं है।
अब तक हवा में ऑक्सीजन को ही जीवित रहने के लिए उपयोगी माना जाता था, मगर अब हवा का भोजन के रूप में भी उपयोग किया जा सके इस बात के लिए वैज्ञानिकों ने पहली स्टेज को पार कर लिया है। वैज्ञानिकों ने हवा के माध्यम से एक ऐसा पाउडर तैयार कर लिया है, जिसके सेवन से जिंदा रहा जा सकता है। इसका प्रयोग फिलहाल जानवरों पर चल रहा है जो कि सफल रहा है। जल्द ही इसे मनुष्यों के सेवन के लायक बना लिया जाएगा।
इनको मिली है सफलता :
फिनलैंड के वैज्ञानिकों ने इस प्रयोग में सबसे पहले सफलता हासिल की है। वैज्ञानिकों के अनुसार हवा से तैयार इस भोजन में प्रोटीन की मात्रा सबसे अधिक है। इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट, फैट और न्यूक्लिक एसिड की मात्रा भी मौजूद है। भारत में भी इस पर शोध जारी है। बेंगलुरू की एक कंपनी लगातार इस ओर प्रयासरत है। जल्द ही अच्छे परिणाम आने की उम्मीद है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हवा में वो सभी तत्व मौजूद हैं जो कि एक भोजन के लिए चाहिए होते हैं।
रामायण में मौजूद हैं साक्ष्य :
वाल्मीकि रामायण में अहिल्या प्रसंग में इस बात के साक्ष्य मौजूद हैं जब गौतम ऋषि अपनी पत्नी अहिल्या को श्राप दे देते हैं। अहिल्या को अदृश्य रहने का श्राप मिला था, ऐसे में वह हवा पीकर ही जिंदा रहीं थीं। इससे पता चलता है कि ऋषि मुनि पहले से ही जानते थे कि हवा को भोजन बनाने के साथ-साथ भोजन के रूप में सेवन के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।