भारत में फोन टैपिंग के अक्सर कई मामले देखे होंगे। ऐसे में वह कौन-कौन सी संस्थाएं हैं जिन्हें आपका फोन टैप करने का अधिकार प्राप्त है। इनमें सबसे पहला नाम सीबीआई का आता है। मगर इसके अलावा 9 एजेंसियां और भी हैं जो आपकी कॉल डिटेल से लेकर बातचीत को रिकॉर्ड करने तक की अथॉरिटी रखती हैं। चलिए क्यों न इन सभी संस्थाओं के बारे में विस्तार से जान लिया जाए।
CBI – केंद्रीय अंवेषण ब्यूरो :
भ्रष्ट्राचार एवं रिश्वतखोरी का मामला हो या फिर संगठित जुर्म से लेकर अंतरराष्ट्रीय वारदात तक के मामलों की जांच करने का अधिकार रखती है। यह देश की पहली ऐसी संस्था है जो सीधे इंटरपोल के साथ संपर्क रखती है। इसीलिए इसका नाम देश की प्रमुख जांच संस्थाओं में शुमार है। शक और शिकायत मिलने पर यह किसी भी व्यक्ति का फोन टैप कर सकती है।
IB – इंटेलिजेंस ब्यूरो :
सीबीआई के बाद यह भारत की दूसरी प्रमुख इंटेलिजेंस संस्था है जिसका काम ही आंतरिक सुरक्षा से संबंधित जानकारी बटोरना है। ऐसे में सुरक्षा कारणों के चलते यह किसी भी व्यक्ति का फोन टैप करने का अधिकार रखती है। मगर इसके लिए उसे केंद्र और राज्य में उनके गृह सचिव से अनुमति लेनी होती है।
RAW – कैबिनेट सचिवालय :
यह भारत की एक महत्वपूर्ण खुफिया संस्था है जो अपने एजेंट्स के माध्यम से विदेशों से इंटेलिजेंस इकट्ठा करने का कार्य करती है। देश की पहली ऐसी संस्था है जो सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है। वहीं यह गृह मंत्रालय के बजाय कैबिनेट सचिवालय के अधीन है। बता दें कि इसके अंतर्गत किए जाने वाले सभी टास्क एवं बजट आदि को पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है।
CID – सिग्नल इंटेलिजेंस निदेशालय :
यह भारत की एक प्रमुख सैन्य इंटेलिजेंस संस्था है। जो तीनों जल, थल और वायु सेना के लिए काम करती है। सीआईडी का काम ही दुश्मनों के संचार को इंटरसेप्ट करना होता है। ये संस्था रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करती है।
NIA – राष्ट्रीय अंवेषण अभिकरण :
यह संस्था में देश में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े मामलों पर नजर रखती है। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों की देखरेख करती है। यह गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है और देश में इसका गठन साल 2008 में किया गया था।
इनके अलावा इन संस्थाओं को भी है अनुमति :
नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व सूचना निदेशालय (डीआरआई) और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी जरूरत पड़ने पर कॉल टैप का अधिकार दिया गया है।