देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम को शायद ही कोई हो जो न जानता हो। उन्हीं के नाम से मोदी सरकार दो नई योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है। इसकी घोषणा वाजपेयी के 95वीं जन्मजयंती के मौके पर की। जिन्हें ‘अटल भूजल’ और ‘अटल टनल’ नाम दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए 6 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर के अनुसार देश में पैदा हो रही पानी की समस्या से निपटने के लिए अटल भूजल योजना बनाई गई है। जिसमें भूजल स्तर को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। वहीं अटल टनल योजना के
तहत टनल तैयार किया जाएगा। इन दोनों योजनाओं पर 5 साल में 6 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। जिसके लिए 3 हजार करोड़ रुपए सरकार और 3 हजार करोड़ वर्ल्ड बैंक की ओर से दिए जाएंगे।
क्या है अटल भूजल योजना :
इस योजना के अन्तर्गत देश के उन इलाकों के भूजल के स्तर को ऊपर लाने की कोशिश की जाएगी, जहां भूजल का स्तर काफी नीचे जा चुका है। यह योजना भूजल स्तर में इजाफे और किसानों के फायदे को ध्यान में रखते हुए लाई गई है। योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारण उपलब्ध कराना चाहती है। किसानों की आय में वृद्धि हो सके। इस योजना का लाभ छह राज्यों को होगा। जिसमें राजस्थान,
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र है। जानकारी के अनुसार योजना से इन राज्यों के करीब 8 हजार 350 गांवों को लाभ होगा।
ये है अटल टनल योजना :
रोहतांग दर्रे पर बनी सुरंग को 2005 में मंजूरी मिली थी, जिसका नाम अटल टनल किए जाने की योजना है। यह मनाली से लेह तक होगी। जिसके लिए 4 हजार करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। माना जा रहा है कि यह विश्व का सबसे ऊंचा टनल होगा। कुल 8.8 किलोमीटर लंबी इस योजना का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है।