बीते कुछ साल से शिरडी में साईं बाबा के दर्शनों के लिए जो श्रद्धालु आ रहे थे, उनमें कुछ दर्शन के बाद न जाने कहां गायब हो जाते हैं। इसका पता लगा पाने में अभी तक शिरडी पुलिस पूरी तरह से नाकाम दिख रही है। एक पीड़ित ने इस बारे में जब आरटीआई लगाई तो आंकड़े चौंकाने वाले निकले। पिछले एक वर्ष में करीब 88 लोग इस तरह से गायब हो चुके हैं, ये वह केस हैं जो शिरडी पुलिस के पास दर्ज हैं। अंदेशा है कि इनके अलावा और भी कई लोग हो सकते हैं जिनकी जानकारी फिलहाल कहीं पर दर्ज नहीं है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने संज्ञान लेते हुए पुलिस को गंभीरता के साथ जांच करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस टीवी नालावडे और एसएस गवान्हे की पीठ ने ये आदेश मानव अंग तस्करी को ध्यान में रखते हुए दिए हैं। आप को बता दें मध्यप्रदेश के मनोज कुमार सोनी ने 2018 में कोर्ट में यह याचिका लगाई थी जिसको लेकर कोर्ट ने यह फैसला दिया।
कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि जब परिवार का कोई व्यक्ति गुम होता है तो परिवार एक तरह से असहाय हो जाता है। इसीलिए इनमें से ज्यादातर लोग पुलिस से शिकायत नहीं करते और न ही ऐसे मामले कोर्ट तक पहुंच पाते हैं। कोर्ट ने माना कि ज्यादातर लोग साईं बाबा के दर्शन के लिए शिरडी आए और यहीं से गुम हुए। इसके लिए पुलिस अधीक्षक को एक विशेष दल गठित कर जांच के आदेश दिए हैं।
ऐसे खुला राज :
पीड़ित याचिकाकर्ता 2017 में अपनी पत्नी के साथ शिरडी साईं बाबा के दर्शन करने आए थे। जहां से उनकी पत्नी अचानक से गुम हो गई। उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई। लेकिन पुलिस उनका किसी तरह का पता लगा पाने में असमर्थ रही। तब पीड़ित याचिकाकर्ता ने 2017—18 के बीच में एक आरटीआई लगाई जिसमें शिरडी से गायब हुए लागों की सूचना मांगी तो इन 88 लोगों का राज खुला। इन गायब हुए लोगों में ज्यादातर महिलाएं हैं।