आखिरकार सायरस मिस्त्री को वह खुशखबरी मिल ही गई, जिसका वो काफी समय से इंतजार कर रहे थे। आपको बता दें कि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने मिस्त्री के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें फिर से टाटा संस का चेयरमेन बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी माना है कि मिस्त्री को पद से हटाने का फैसला गलत था। साथ ही उन्होंने एन. चंद्रशेखर को चेयरमेन बनाए जाने को गलत माना है।
टाटा संस को इस फैसले के खिलाफ अपील के लिए चार हफ्तों का समय मिला है। कोर्ट ने टाटा संस को प्राइवेट से पब्लिक कंपनी बनाए जाने की प्रक्रिया को गैर कानूनी करार देते हुए, इसे बदलने के आदेश भी दिए हैं।
आपको याद होगा सायरस मिस्त्री को 2012 में टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था। बड़े शेयरहोल्डर और कंपनी बोर्ड का उन पर भरोसा घटने की वजह से अक्टूबर 2016 में उन्हें कंपनी के चेयरमेन के पद से हटा दिया गया था।
इस फैसले को कम्पनीज एक्ट के नियमों के अनुरूप गलत बताते हुए, मिस्त्री ने अपनी दो इन्वेस्टमेंट कंपनियों की तरफ से टाटा संस को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में चुनौती दी थी। उस वक्त फैसला टाटा संस के पक्ष में आया था।