आप देश सेवा में जिसे अपना आइडियल मानते हैं और उन्हीं के साथ आपको देश की सेवा करने का अवसर मिल जाए तो आप की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। ज्ञात रहे यहां रिश्तों से पहले देश को रखा जाता है। हम बात कर रहे हैं देश के पहले सीडीएस बनने जा रहे आर्मी जनरल विपिन रावत की। जिन्हें पहली बार सेना में अपने पिता की यूनिट में ही पोस्टिंग मिली। वक्त था 1978 का जब गोरखा राइफल्स में बतौर लेफ्टिनेंट के पद से उनका सफर शुरू हुआ उसके बाद कई तरह के मिलिट्री ऑपरेशंस को बखूबी अंजाम दिया और सेना प्रमुख के पद तक पहुंचे। देश के प्रति सेवा और सेना के पराक्रम से दुश्मन के दांत खट्टे करने वाले रावत देश के पहले सीडीएस बनेंगे।
जिम्मेदारी भरा रहेगा नया साल :
आपको बता दें कि साल के अंत यानि 31 दिसंबर 2019 को रिटायर होने जा रहे आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत के लिए नया साल खास होने के साथ ही जिम्मेदारीभरा रहने वाला है। क्योंकि सेना में पहली बार सृजित किए गए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के लिए जनरल रावत को चुना गया है। यह एक फोर स्टार जनरल होगा जो रक्षा मंत्रालय में सेना के मामलों से जुड़े एक विभाग का मुखिया होगा। इस पद को लेकर कई पूर्व सैन्य प्रमुखों ने इसे देश की सेनाओं के लिए कभी न भूलने वाला पल बताया है।
परिवार ही प्रेरणा :
जनरल रावत का परिवार सेना से जुड़ा हुआ रहा है और यही कारण था कि उन्हें भी देश की सेवा करने का मौका मिल पाया। उनके पिता आर्मी से बतौर लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए। पढ़ाई की बात करें तो जनरल रावत ने शिमला और देहरादून में अपनी स्कूलिंग पूरी की। इसके बाद एनडीए पुणे से और आईएमए यानि इंडियन मिलिट्री एकेडमी से अपनी पढ़ाई पूरी की। रावत की पत्नी मधुलिका एक सोशल वर्कर हैं। ये कैंसर पीड़ितों के लिए काम करती हैं। इन्होंने डीयू से मनोविज्ञान में बीए किया है।