उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर 2020 को चार लोगों ने 19 वर्षीय एक लड़की के साथ कथित गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। कल सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने दम तोड़ दिया। अब इस पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए कल से ही सोशल मीडिया पर कई हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। इस दौरान कई लोग गन्ने के खेत में खड़ी मुस्कुराती हुई एक लड़की की तस्वीर शेयर कर उसे इंसाफ दिलाने की बात लिख रहे हैं तो कई लोग श्रद्धांजली देते हुए इस फोटो को शेयर कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यही लड़की हाथरस मामले की पीड़िता है। जब इसकी पड़ताल की तो मामला कुछ और ही निकला।
ये है पूरा मामला :
जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि यह तो पीड़िता की फोटो है ही नहीं। आखिर ये फोटो किसकी है और आई कहां से? जब इस बारे में छानबीन शुरू की तो सोशल मीडिया पर विपिन तिवारी नाम के एक शख्स की पोस्ट पर कुछ लिखा हुआ देखा। उसने लिखा था कि ‘प्लीज शेयर, ये बच्ची हाथरस की नहीं है। यह मेरे मित्र अजय भईया की बहन की फोटो है, जो जिला अयोध्या की है। ये अब इस दुनिया में नहीं है।
पिछले साल चंडीगढ़ के एक हॉस्पिटल की हरामखोरी की वजह से अपनी जान गंवा बैठी। हम हाथ पैर पटक कर रह गए पर न्याय नहीं मिला। अब इस बच्ची की फ़ोटो को हाथरस की घटना से जोड़ा जा रहा है। दुर्भाग्य से दोनों बच्चियों का नाम मनीषा ही था। इस फ़ोटो को शेयर मत कीजिये, न ही होने दें। बड़े बड़े पेज और सेलिब्रिटी इस फ़ोटो का इस्तेमाल कर रहे हैं। रोकिये इसे..।’
भाई ने सोशल मीडिया पर की अपील :
जब अजय नाम के शख्स की प्रोफाइल चेक की गई थी तो विपिन की बात सही निकली। अजय ने भी सोशल मीडिया पर इस फोटो को शेयर न करने की अपील करते हुए कल एक पोस्ट डाली थी। उसमें लिखा है कि ज्यादा से ज्यादा शेयर करें.. ये फोटो जो आप लोग हाथरस केस के साथ जोड़कर शेयर कर रहे हैं ये फोटो मेरे बहिन की है, जिसकी मौत 2018 में चंडीगढ़ के हॉस्पिटल में हुई थी। डॉक्टर की लापरवाही से उस वक़्त वहां की पुलिस FIR नहीं लिख रही थी तब हम लोगों ने ये फोटो डालकर कैंपेन चलाया था। उसका केस चंडीगढ़ में चल रहा है कृपया आप लोगों से निवेदन है कि ये फोटो हाथरस केस के साथ जोड़कर न शेयर करें और शेयर होने से रोकें।