- किसानों के आगे आखिर धरे रह गए कंटीले तार और तमाम पुलिसिया इंतजामात..
kisan Andolan 2020: देशभर में एक ओर संविधान दिवस मनाया जा रहा था वहीं दूसरी ओर संविधान के दुरूपयोग और दमनकारी किसान विरोधी कानूनों को लेकर सड़क पर संघर्ष कर रहे देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों की तस्वीरें सामने आईं। बता दें कि देश के करीब 250 किसान संगठन आज 26 नवंबर को दिल्ली के लिए निकले थे। मगर हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकार ने किसानों को किसी भी कीमत पर दिल्ली तक नहीं पहुंचने देने की कसमें खा ली थी, लेकिन ऐसा हो न सका।
पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस प्रशासन की ओर से ऐसे पुख्ता इंतजामात किए गए थे कि उन्हें भेद पाना आसान नहीं था। मगर किसानों के आगे ये कितनी देर टिकने वाले थे। पुलिस प्रशासन की ओर से कड़कती ठंड में किसानों पर वाटर कैनन की जमकर बौछारें की गईं। पंजाब-हरियाणा-दिल्ली मेन हाइवे को पुलिस ने पूरी तरह से जाम कर दिया। रास्ते में पुलिस ने उल्टे ट्रक खड़े करवा दिए।
और इस तरह पार किया कुरूक्षेत्र :
इतना ही नहीं कई जगह ट्रकों से सड़कों पर मिट्टी के ढेर लगवा दिए तो कई जगह सड़कों को ही खुदवा ड़ाला ताकि किसानों के ट्रैक्टर आदि वाहन आगे न बढ़ सकें। बड़े-बड़े कंक्रीट के बेरिकेट जेसीबी और क्रेन्स की मदद से रखवाए गए मगर जब किसानों का सैलाब आया तो हाथों से उठा-उठाकर सब साइड़ कर दिए गए। कुछ ही देर में वाटर कैनन की गाड़ियों पर किसानों ने कब्जा कर लिया। रास्ते में जो उल्टे ट्रक पुलिस की ओर से खड़े करवाए गए उन्हें भी धक्का देकर हटा दिया गया। अब इस सैलाब के आगे पुलिस भी बौनी नजर आ रही थी और इस तरह से किसानों ने कुरूक्षेत्र बॉर्डर को पार कर लिया बगैर किसी प्रकार की हिंसा किए।