प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आज बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ब्यौरा पेश किया। जिसमें उन्होंने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का कुछ इस तरह से बंटवारा किया। उनके साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे, जिन्होंने एक-एक कर घोषणाओं का हिंदी अनुवाद किया।
प्रधानमंत्री के इस आत्मनिर्भर अभियान के ब्लू प्रिंट की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई यानी सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग के लिए उठाए गए 6 बड़े कदमों के ऐलान के साथ की। इसमें सबसे खास बात यह कही कि अब एमएसएमई क्षेत्र में बिना किसी गारंटी के आसानी लोन मिल सकेगा।
लघु, कुटीर, मध्यम और गृह उद्योग के लिए 3 लाख करोड़ का लोन दिया जाएगा। जिसे 4 साल के भीतर लौटाया जा सकेगा। साथ ही कर्ज में डूबे लघु उद्योगों को भी सरकार की ओर 20 हजार करोड़ का लोन दिया जाएगा। सबसे बड़ी बात ये है कि सरकार द्वारा दिए जाने वाले इन लोन्स में किसी प्रकार के गारंटर की जरूरत नहीं होगी।
निवेश की सीमा को बढ़ाकर उद्योग की नई परिभाषा को जन्म दिया गया है। इसमें सूक्ष्म उद्योग के अंतर्गत भी 1 करोड़ तक का निवेश किया जा सकेगा। वहीं टेंडर प्रक्रिया में सबसे बड़ी राहत प्रदान करते हुए 200 करोड़ तक के टेंडर को अब ग्लोबल टेंडर नहीं माना जाएगा। इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिल सकेगा।
फंड्स ऑफ फंड स्कीम :
इसके अंदर अच्छा काम करने वाले एमएसएमई को और बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का फंड रखा गया है। इसलिए कहा जा सकता है कि मेक इन इंडिया का रास्ता अब इन्हीं एमएसएमई के अंदर से निकलेगा। इसीलिए एमएसएमई मॉडल को और आसान किया जाएगा। अगले 45 दिन में MSME के सरकारी उपक्रमों और सरकार के सभी बकाया बिल क्लीयर किए जाएंगे।
ये बड़े ऐलान भी किए :
— सरकार 15 हजार से कम सैलेरी लेने वाले वर्कर्स और बिजनेस को 2500 करोड़ रुपए की मदद से आगे के 3 महीने यानि अगस्त 2020 तक ईपीएफ का भुगतान करेगी।
— गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं की गरीबी को दूर करने के लिए 30 हजार करोड़ का प्रावधान किया जाएगा।
— डिस्कॉम के सामने आ रही पैसे की तंगी को कम करने के लिए 90 हजार करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
— रेलवे और सड़क परिवहन मंत्रालय के ठेकेदारों को काम पूरा करने के लिए 6 महीने तक का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।