केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय (ministry of road transport and highways) ने फास्टैग FASTag को लेकर फिर से नियमों में ढ़ील देने का निर्णय लिया। यानी अब 1 जनवरी से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण NHAI टोल प्लाजा पर वाहनों की कैश लाइन को बंद नहीं करेंगे। मंत्रालय ने अब इसकी अनिवार्यता को आगे बढ़ा दिया है। बता दें कि 1 जनवरी के बाद भी जिन वाहनों पर फास्टैग नहीं होगा, उन्हें टोल प्लाजा से निकलने में कोई परेशानी नहीं होगी। हालांकि ये छूट एक निश्चित समयांतराल के लिए ही प्रदान की गई है। फिलहाल नकद लेनदेन का हिस्सा करीब 20 से 25 फीसदी तक है।
गौरतलब है कि टोल टैक्स को पूरी तरह से कैशलेस बनाने के लिए 1 जनवरी 2021 से NHAI ने सभी टोल प्लाजाओं पर नकद लेनदेन वाली लाइनों को बंद करने का ऐलान किया था। यानी जिन गाडियों पर फास्टैग नहीं होगा उन्हें टोल प्लाजा से निकलने का कोई विकल्प नहीं दिया जाएगा, लेकिन मंत्रालय ने अब इस अनिवार्यता को 15 फरवरी तक के लिए टाल दिया है। अब वाहन चालकों को फास्टैग लेने के लिए डेढ़ माह का समय फिर से दिया गया है।
What is FASTag?
फास्टैग एक स्टीकर है जो कि चौपहिया या उससे बड़े वाहनों पर आगे की तरफ लगाया जाता है। जब वह गाड़ी किसी टोल प्लाजा से गुजरती है तो वहां लगे स्कैनर गाडी के स्टीकर को स्कैन कर लेते हैं। इस तकनीक को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कहते हैं। यह वाहन और जगह के हिसाब से फास्टैग से जुड़े बैंक अकाउंट से पैसे काट लेता है।
कितने में मिलता है FASTag?
चौपहिया वाहन कार के लिए वैसे तो फास्टैग की राशि अलग-अलग निर्धारित की हुई है, जैसे Paytm की बात करें तो FASTag की राशि 500 रुपए निर्धारित कर रखी है। इसमें 250 रुपए रिफंडेवल सिक्योरिटी डिपोजिट और 150 रुपए मिनिमम बैलेंस मिलता है। वहीं ICICI बैंक फास्टैग के लिए इश्यू फीस के रूप में 99.12 रुपए लेता है। इसके अलावा 200 रुपए डिपोजिट अमाउंट के लिए देने होते हैं और 200 रुपये का बैलेंस रखना अनिवार्य होता है।