– सड़क पर दौड़ती बदहवास मां की ये तस्वीरें आपको झकझोर देंगी ।
बिहार में लॉकडाउन के बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई जो हर किसी के दिल को झकझोर कर रख देखी। यहां एक मां बाप सड़क पर रोते बिलखते पैदल चले जा रहे हैं। न कोई रोकने वाला है और न कोई पूछने वाला, मानो इंसानियत मर गई हो और जमीर जल गया हो। इस मां के हाथ में 3 साल का बच्चा है जो एंबुलेंस न मिलने की वजह से मर गया। अस्पताल से घर के लिए भी जब कोई साधन नहीं मिला तो पैदल ही रोते बिलखते हुए निकल पड़े। ये तस्वीर बिहार के स्वास्थ्य विभाग के लाचार सिस्टम की गवाह है।
तस्वीरें बेहद चौंकाने वाली हैं और एक ऐसे समय की हैं जहां देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ने का दम भर रहा है। वहीं एक 3 साल के बच्चे की केवल इसलिए मौत हो जाती है, क्योंकि उसे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल पाई। ये वही बिहार प्रदेश है, जो इस देश को चलाने के लिए शायद सबसे अधिक प्रशासनिक अधिकारी देता है।
ये था पूरा मामला :
जब परिजन बच्चे को बिहार के अरवल अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने बच्चे को जहानाबाद के लिए रैफर कर दिया। जैसे तैसे जहानाबाद पहुंचे तो वहां से फिर पटना के लिए रैफर कर दिया। लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली और बच्चे की मौत हो गई। सब्र का बांध तो तब टूट गया जब मौत के बाद भी बच्चे को ले घर ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। मां ने बच्चे को सीने से चिपकाया और चल पड़ी रोते बिलखते हुए घर की ओर। आखिर मां तो मां होती है।
पीछे मृत बच्चे के पिता चल रहे हैं उनके गोद में प्रथमदृष्टया एक छोटी बच्ची है। दूसरे हाथ में एक थैला पकड़ा हुआ है और आंखों में अनगिनत आंसू हैं। आखिर कहें तो किससे कहें? और अब कौन सुनेगा? जब आवश्यकता थी तब ही नहीं सुनी तो फिर अब क्या फायदा? शायद जमीन पर गिरते एक एक आंसू के साथ ये प्रश्न भी उनके मन से फूटते जा रहे होंगे। गोद में बच्ची कभी आगे रोती हुई जा रही मां को देखती है तो कभी पिता की गोद से उसके चेहरे को। लेकिन इस समय किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि कोई इस मासूम को समझा सके कि अब तुम्हारे साथ खेलने वाला वो भाई तुमसे हमेशा के लिए दूर चला गया है।