दुनिया की आधी आबादी चावल पर निर्भर है तो वहीं गेहूं भी खाने का तीसरा मुख्य घटक है। जबकि मक्का की बात करें तो दुनियाभर में इसकी पैदावार हर साल गेहूं और चावल से करीब 15 लाख टन अधिक होती है। यहां हम कुछ अहम खाद्यान्नों पर खर्च होने वाले पानी की बात कर रहे हैं। इन आंकड़ों को देखकर आप एक बार के लिए जरूर चौंक जाएंगे।
1 किलो गेहूं के लिए 1300 लीटर :
सबसे पहले बात करते हैं गेहूं Wheat की। बता दें कि दुनिया में हर साल करीब 65 लाख टन गेहूं का उत्पादन किया जाता है। गेहूं के उत्पादन में जलवायु के हिसाब से पानी लगता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक किलो गेहूं के लिए औसतन 1,300 लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है। जबकि सोमालिया में 1,800 लीटर पानी की जरूरत होती है।
1 किलो चावल के लिए :
दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी खाने में चावल Rice का प्रयोग करती है। इसलिए दुनिया में हर साल करीब 67 लाख टन चावल का उत्पादन होता है। चावल को उगाने से लेकर इसके बाजार में आने तक औसतन 2,500 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है।
एक किलो मक्का के लिए :
दुनिया में सबसे अधिक आबादी मक्का Maize का उपयोग करती है। इसका कई रूपों में सेवन किया जाता है। यही कारण है कि इसका उत्पादन भी दुनियाभर में चावल और गेहूं से अधिक होता है। बता दें कि दुनिया में करीब साढ़े 84 लाख टन मक्का का उत्पादन होता है। इसमें एक किलो मक्का के उत्पादन पर भारत में औसतन 2,450 लीटर पानी लगता है। जबकि अमेरिका में केवल 760 लीटर ही लगता है।
एक किलो कॉफी पर पानी का खर्चा :
दुनियाभर में कॉफी Coffee का कुल उत्पादन कितना होता है। फिलहाल इसका आंकड़ा बता पाना मुश्किल है मगर दुनिया में कॉफी उत्पादन के लिए करीब 85 अरब घन मीटर पानी का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं इसमें से 1 किलो कॉफी में लगने वाले पानी की मात्रा करीब 18,900 लीटर होती है।