भारतीय रेलवे Indian Railway आए दिन नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। रेलवे ने मेक इन इंडिया के तहत 12 हजार हॉर्स पॉवर की क्षमता वाला इंजन तैयार किया है। रेलवे Railway ने इस इंजन को नाम दिया है विद्युत लोकोमोटिव। इसका तकनीकि नाम WAG-12B लाइट इंजन है। इस तरह के इंजन बनाने के मामलों में भारत अब दुनिया का 6वां देश बन गया है। बता दें कि इस तरह के रेल इंजनों का प्रयोग दुनिया के चुनिंदा देशों में ही किया जाता है। इन्हें भारी भरकम मालगाड़ियों के संचालन में किया जाता है।
यहां बनकर तैयार हुआ :
उत्तर-पश्चिम रेलवे NWR के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा के अनुसार इस इंजन का उपयोग मालगाडियों के संचालन में किया जाएगा। इसे मेक इन इंडिया के तहत मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री में ALSTOM प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर तैयार किया गया है। इसकी क्षमता की बात करें तो ये पहले के मालवाहक इंजनों की तुलना दोगुना बैठता है। देश का सबसे शक्तिशाली विद्युत इंजन पहली बार उत्तर पश्चिम रेलवे में शुक्रवार को जयपुर के फुलेरा स्टेशन पर पहुंचा।
ये है खास बात :
यह 3 फेज का इलेक्ट्रिक इंजन है। इसकी लंबाई की बात करें तो ये 35 मीटर का है। इसे 120 केएमपीएच की गति के साथ दौड़ाया जा सकता है। इसमें दो इंजन लगाए गए हैं। जो इसकी मालवाहक क्षमता को बढ़ाते हैं। इस इंजन के कैब को अत्याधुनिक स्वरूप दिया गया है। ताकि लोको पायलट के लिए सुविधाजनक हो।
इसीलिए इसे पूर्णत: वातानुकूलित भी बनाया गया है। दो इंजन से बना होने के कारण इसकी विश्वसनीयता और अधिक बढ़ जाती है। खास बात ये है कि मास्टर लोको में खराबी आने पर पूरे इंजन को बदलने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि इसके दूसरे स्लेव इंजन के पॉवर से कार्य किया जा सकता है। वहीं इसका डिजाइन इस प्रकार बनाया गया है कि लोकोपायलट अपने कैब में बैठे बैठे ही सभी तरह के ऑपरेशन्स को पूरा कर सकता है।