कंधों से मिलते हैं कंधे कदमों से कदम मिलते हैं इसी गाने के बोलों को (आईटीबीपी) यानि भारतीय तिब्बती सीमा पुलिस साकार करने की कोशिशों में है। इन जवानों के लिए एक ऐसा पोर्टल तैयार किया गया है। जिसके तहत इन जवानों को अपने जीवनसाथी की तलाश छुट्टी पर घर जाने के समय नहीं करनी होगी। इनकी ये तलाश अब नौकरी करते वक्त ही पूरी हो सकेगी। अर्धसैनिक बलों के लिए संभवतया पहली बार इस तरह का कोई वैवाहिक पोर्टल बनाया गया है।
इसके तहत आईटीबीपी में कार्य कर रहे विभिन्न रैंकों के अविवाहित पुरुष और महिलाओं के लिए सुयोग्य जीवनसाथी की तलाश की जा सकेगी जो जीवन और कार्यक्षेत्र दोनों में ही साथी बन सके। इससे अविवाहित, वीरांगना और जीवनसाथी से अलग हो चुके कर्मियों को इस बल के अंदर ही अपनी पसंद का जीवनसाथी ढूंढने में मदद मिलेगी।
जानकारी के अनुसार पर्वतों पर कार्यरत और यहां लड़ाई के लिए प्रशिक्षित इस बल को मुख्य रूप से चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करने की जिम्मेदारी होती है। वर्तमान में इस बल में विभिन्न रैंकों में करीब साढ़े 3 हजार अविवाहित पुरुष और महिलाएं अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
ऐसे में यह सभी जवान दूर-दराज क्षेत्रों में देश की सेवा करते हैं। जिससे उनके और उनके परिवार वालों के लिए उनके विवाह के लिए जीवनसाथी ढूंढना बहुत कठिन कार्य होता है। वहीं कई जवान इस संगठन में ही कार्यरत कर्मी को जीवन साथी बनाने के इच्छुक रहते हैं। जिससे नियमानुसार उन्हें एक ही स्थान पर नियुक्ति मिल सके। ऐसे में वैवाहिक पोर्टल इन कर्मियों के लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।