राजधानी दिल्ली में इन दिनों सुप्रीमकोर्ट में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जो कि लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हाथी मेरा साथी की ही तरह दिल्ली के एक महावत ने अपनी हथिनि से मिलने के लिए जी जान लगा दी है। महावत सद्दाम का हथिनि लक्ष्मी से इतना लगाव है कि रिहाई के लिए सीधे सुप्रीमकोर्ट से गुहार लगा ड़ाली।
लक्ष्मी के साथ है गहरा संबंध :
दायर याचिका में कहा गया है कि सद्दाम का हथिनी लक्ष्मी के साथ एक भावनात्मक संबंध जुड़ा हुआ है, लेकिन वन विभाग उसे छोड़ नहीं रहा है।
याचिका में कहा है कि वह लक्ष्मी के साथ पिछले 10 साल रह रहा है इस कारण दोनों का रिश्ता एक परिवार की तरह है। एक-दूसरे के प्रति
दोनों में गहरा लगाव है।
3 किमी. दूर से सूंघ लेती है :
सद्दाम ने याचिका में बताया है कि लक्ष्मी उसकी गंध 3 किमी. दूर से पहचान लेती है। वे परिवार के सदस्य की तरह रहते हैं और हथिनि उसके अलावा किसी और के हाथ से न खाना खाती है और न ही दवाई लेती है।
कुछ समय पहले एक शिविर में ले जाते समय वन विभाग के अधिकारियों ने हथिनी लक्ष्मी को अपने कब्जें में ले लिया था। जिसे छुड़ाने के प्रयास में उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। काफी कोशिश करने बाद भी उसे नहीं छोड़ा और हरियाणा स्थित पुनर्वास केन्द्र में रख दिया गया। अब इसे छुड़ाने के लिए महावत सद्दाम सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। यह अपनी तरह का एक अनोखा मामला है जहां हाथी की रिहाई के लिए कोई इंसान सुप्रीमकोर्ट के चक्कर लगा रहा है।
याचिका में जल्लीकट्टू मामले पर आए सुप्रीमकोर्ट के 2014 के फैसले का हवाला देकर कहा है कि पशु को भी जीने और सम्मान का अधिकार है।