NASA Perseverance Rover: क्या अब मंगल पर जिंदगी की तलाश पूरी हो जाएगी? पढ़ें ये खबर

NASA Perseverance Rover: क्या अब मंगल पर जिंदगी की तलाश पूरी हो जाएगी? पढ़ें ये खबर

NASA Perseverance Rover. क्या इस विशालकाय ब्र​ह्मांड में पृथ्वी के अलावा भी कहीं जीवन है? क्या इस दुनिया में हम ही अकेले निवासी हैं? इन सभी बातों के जवाब हमें मिल सके, इसी के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ओर से मंगल पर जीवन की तलाश को लेकर पर्सिवियरेंस मार्स रोवर भेजा गया था। जिसने गुरुवार की देर रात करीब ढाई बजे मंगल पर लैंड कर लिया। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये मंगल की सबसे खतरनाक सतह है जहां एयरक्राफ्ट ने लैंड किया है। इसे जजेरो क्रेटर कहा जाता है। यहां लैंड करने के बाद ही नासा ने इसकी पहली तस्वीर जारी कर दी। साथ अब तक के इतिहास में मंगल पर इसे सटीक लैंडिंग बताया जा रहा है।

NASA ने ट्विटर हैंडल पर पर्सिवियरेंस मार्स रोवर की पहली तस्वीर के साथ लिखा है, ‘हेलो दुनिया, मेरे अपने घर से मेरा पहला लुक।’ इसके अलावा कुछ वीडियो भी शेयर किए गए हैं जिनमें वै​ज्ञानिक खुशी से झूमते दिखाई दे रहे हैं। नासा का कहना है कि इसके जरिए दुनिया को मंगल ग्रह की जानकारियों का पता चल सकेगा। बता दें कि यह नासा का पांचवा रोवर है, जिसे पर्सिवियरेंस नाम दिया गया है।

रोवर की खासियत क्या है?

एक कार के साइज का प्लूटोनियम-पार्वड रोवर मंगल पर उतरने वाला नासा का ये पांचवां रोवर है। इस रोवर में 23 कैमरे लगाए गए हैं। जिनकी मदद से सभी तरह की तस्वीरें एवं वीडियो बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा यहां सभी तरह की आवाजों को भी रिकॉर्ड किया जा सके, इसके लिए इसमें 2 माइक्रोफोन भी लगाए गए हैं।

10 साल रहेगा मंगल पर :

छह पहिए वाले इस रोवर का काम मंगल से अधिक से अधिक जानकारियां जुटाने का रहेगा। इस कार के आकार समान रोवर का वजन 1000 किलोग्राम है। इस रोवर को चलाने के लिए प्लूटोनियम यानी परमाणु ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है। इसमें एक 7 फीट का रोबोटिक आर्म और एक ड्रिल मशीन भी लगाई गई है। ये यहां 10 साल तक काम करता रहेगा।

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