ये देश का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन है जो आपको ट्रेन में बिठाए बगैर ही दूसरे स्टेट में पहुंचा देगा। इस रेलवे स्टेशन की तस्वीरों को हाल ही में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर किया था। जिसके चलते ये एक बार फिर से चर्चा में आ गया और सोशल मीडिया पर इसे धड़ल्ले से शेयर भी किया जा रहा है। चलिए आज आपको बताते हैं इस अनौखे रेलवे स्टेशन के बारे में जिनकी बदौलत यह पूरे देश में चर्चित और अनौखा बना हुआ है।
हम बात कर रहे हैं पश्चिम रेलवे के सूरत-भुसावल रेलवे लाइन पर स्थित ‘नवापुर रेलवे स्टेशन’ की। कहने को यह भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन माना जाता है चूंकि इसकी सीमा दो राज्यों में फैली हुई है और यही खासियत इसे भारत के दूसरे स्टेशनों से भिन्न बनाती है। जबकि इस स्टेशन की कुल लंबाई की बात करें तो यह महज 800 मीटर का ही है। मगर इसके बीच से निकलने वाली एक लाइन इसे दो राज्यों में विभाजित कर देती है। जिसके उपरांत इसका एक हिस्सा गुजरात में चला जाता है और दूसरा महाराष्ट्र में।
बता दें कि इस स्टेशन की सबसे अजीब बात है यहां लगने वाला कानून। यहां दो राज्यों का अलग-अलग कानून लागू होता है। इसे आप यूं समझ सकते हैं जैसे गुजरात में शराब की बिक्री पर पूर्ण पाबंदी है और महाराष्ट्र में पान मसाला और गुटखे पर पाबंदी है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति गलती से टहलता हुआ राज्यों को विभाजित करने वाली रेखा को क्रॉस कर जाता है तो वहां की पुलिस उस पर कार्रवाई करने की हकदार बन जाती है और वह व्यक्ति उनका मुजरिम।
वहीं इस स्टेशन की बनावट की बात करें तो यहां पुलिस स्टेशन, टिकट खिड़की और केटरिंग महाराष्ट्र राज्य में पड़ती है तो वहीं स्टेशन मास्टर, आरामगृह, पानी की टंकी और सुलभ शौचालय गुजरात राज्य की सीमा में आते हैं। ऐसे में कहें कि महाराष्ट्र में खड़े किसी व्यक्ति को पानी पीना हो तो उसे गुजरात जाना पड़ता है।
यही कारण है कि सबसे ज्यादा परेशानी यहां की पुलिस को होती है। जब भी यहां कोई दुर्घटना होती है तो दोनों ही राज्यों की पुलिस उसे अपने यहां की घटना मानने के लिए तैयार नहीं होती और अक्सर उनके साथ ये समस्या बनी रहती है। वैसे सफाई की बात करें तो इस नवापुर रेलवे स्टेशन को करीब 3 बार पहला पुरस्कार मिल चुका है। वहीं यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की बात करें तो 24 घंटे के भीतर करीब 200 ट्रेनें यहां से गुजरती हैं, लेकिन ठहराब महज 20 ट्रेनों का ही होता है।
दो राज्यों में होने के कारण इस रेलवे स्टेशन पर हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और मराठी 4 भाषाओं में एनाउंसमेंट किया जाता है साथ ही सूचनाएं भी 4 भाषाओं में ही लिखनी होती हैं। इसके अलावा पहले यहां मोबाइल की रोमिंग को लेकर बड़ी समस्या हुआ करती थी।