कृषि कानूनों (Agricultural laws) के विरोध में पिछले 35 दिनों से किसान दिल्ली के चारों तरफ धरने पर बैठे हैं। वहीं दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम मैदान Nirankari Samagam Maidan में भी किसान धरना दे रहे हैं। यहां किसानों Farmers की तादाद इतनी ज्यादा हो गई है कि किसानों ने अब इसका नाम बदलकर ‘किसानपुरा गांव’ Kisanpura कर दिया है। मैदान में कई जगह बड़े-बड़े बैनरों में गांव किसानपुरा लिखा है।
बता दें हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान सिंघु बार्डर और गाजीपुर बॉर्डर के साथ ही दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम मैदान में पिछले एक महीने से धरना दे रहे हैं। इन सभी किसानों की मांग है कि सरकार अपने द्वारा थोपे गए उन 3 कृषि कानूनों को वापस ले। जब तक सरकार ऐसा नहीं करती है तब तक किसान अपने घर वापस नहीं जाएंगे।
4 जनवरी को फिर होगी वार्ता :
सरकार और किसानों के बीच करीब अब तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक किसी प्रकार का कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। हालांकि बुधवार को किसान नेता और सरकार के बीच दो मद्दों पर सहमति जरूर बनती नजर आई और वो हैं पराली और बिजली अधिनियम। दिल्ली बॉर्डर पर किसानों की बढ़ती संख्या को देखकर सरकार भी बैकफुट पर नजर आती दिखाई दे रही है। उम्मीद है कि अब 4 जनवरी की बैठक में किसी तरह का कोई हल निकले।