केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में बदलाव करते हुए वाहन चालकों को कई तरह की छूट प्रदान की है। इसके अंतर्गत अब ट्रैफिक पुलिस बीच सड़क पर वाहन चालकों को रोककर गाड़ियों के कागज चेक नहीं कर सकेगी। चूंकि ये काम अब इलेक्टॉनिक मॉनिटरिंग के जरिए किया जाएगा। सरकार का मानना है कि ऐसा करने से लोगों का काफी समय भी बचेगा और यातायात नियमों का बेहतर संचालन भी किया जा सकेगा। ये नियम 1 अक्टूबर 2020 से देशभर में प्रभावी हो जाएगा।
अब गाड़ी रोक कर नहीं होगी चेकिंग
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के आधार पर वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए दस्तावेजों का ई-वैरिफिकेशन किया जाएगा। ऐसे में यदि दस्तावेज अधूरे या किसी प्रकार की कोई कमी पाई जाती है तो मालिक के पास ई-चालान भेज दिया जाएगा। कुल मिलाकर वाहन चालकों को अब अपने साथ गाड़ी के दस्तावेजों की हार्डकॉपी रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
डिजिटली रखी जाएगी नजर :
अक्सर गाड़ियों के मूल दस्तावेज चोरी होने या कहीं गिर जाने के भय से वाहन चालक अपने साथ रखने से परहेज करते थे। ऐसे में ज्यादातर वाहन चालक दस्तावेजों की डुप्लीकेट का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब इस भय से उन्हें पूरी तरह छुटकारा मिल गया है। सरकार सिस्टम को प्रभावी बनाने के लिए इस तरह के कदम उठा रही है। मंत्रालय का कहना है कि अब वाहन चालकों की सारी जानकारी पोर्टल पर रिकॉर्ड की जाएगी। साथ ही इस रिकॉर्ड को समय-समय पर अपडेट किया जाता रहेगा। इस पोर्टल पर फिजिकल और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरह से सर्टिफिकेट आदि को उपलब्ध कराया जा सकता है।