देश में कोरोना मरीजों की संख्या की बात करें तो ये आंकड़ा 55 लाख के पार पहुंच चुका है। महामारी को रोकने के लिए पीएम मोदी ने आज 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। आपको बता दें कि ये वो सात राज्य हैं जहां कोरोना का संक्रमण सर्वाधिक है। इन राज्यों में कोरोना से लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। आज इस उच्च स्तरीय वर्चुअल मीटिंग में पीएम मोदी ने इन राज्यों में कोविड-19 की स्थिति क्या है? एवं आगे की तैयारी कैसी है? इन सब बातों को लेकर विस्तार से चर्चा की।
पीएम ने कहा कि जो 1-2 दिन के लोकल लॉकडाउन होते हैं, वो कोरोना को रोकने में कितना प्रभावी हैं, हर राज्य को इसका अवलोकन करना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही है? मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें। जरूरी सामान के आवागमन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इस बात का भी हमें ध्यान रखना होगा।
टेस्टिंग, ट्रेसिंग एवं ट्रीटमेंट बनाएं प्रभावी :
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि प्रभावी टेस्टिंग, ट्रेसिंग एवं ट्रीटमेंट के अलावा सर्विलांस और स्पष्ट मैसेजिंग पर अपना फोकस और बढ़ाना होगा। अन्यथा कई बार अफवाहें उड़ने लगती हैं। ऐसे में प्रभावी मैसेजिंग जरूरी है। क्योंकि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है। सामान्य जन के मन में ये संदेह उठने लगता है कि कहीं टेस्टिंग तो खराब नहीं है। यही नहीं कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को भी कम आंकने की गलती करने लगते हैं। संक्रमण को रोकने में मास्क की भूमिका सबसे अहम है। इसे दैनिक जीवन में चश्मे की भांति ढ़ालना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश ने संयम, संवेदना और संवाद सहयोग का जो प्रदर्शन इस कोरोना काल में दिखाया है, उसको हमें आगे भी जारी रखना है। संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर भी हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ना है। हमें मिलकर ये देखना होगा कि एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच दवाइयां आसानी से पहुंचे। भारत ने मुश्किल समय में भी पूरे विश्व में जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है।
मीटिंग में ये राज्य शामिल :
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली इस वर्चुअल मीटिंग में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री शामिल हुए। बता दें कि देश के करीब 63 फीसदी कोरोना के एक्टिव मामले इन्हीं सात राज्यों में हैं। इसीलिए अब केंद्र सरकार इन राज्यों पर अधिक फोकस करने जा रही है।
मीटिंग के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के अलावा भारत सरकार की एक टीम मौजूद रही। जिन्होंने मुख्यमंत्रियों की ओर से दिए गए सुझावों को नोट किया। प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि वह जल्द इन 7 राज्यों की परिस्थितियों को बदलने में सफल होंगे।