प्रधानमंत्री मोदी का कोरोना सार, इन दो दोहों से समझें कैसे पाना है इस महामारी से पार

प्रधानमंत्री मोदी का कोरोना सार, इन दो दोहों से समझें कैसे पाना है इस महामारी से पार

देश जल्द 10 करोड के आंकड़े को पार कर जाएगा। ये समय लापरवाह होने का नहीं है। मंगलवार शाम 6 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Modi ने देश के नाम संबोधन में ये बात कही। आगे उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में सभी ने तस्वीरों में साफ देखा है कि किस तरह से लोग लापरवाही बरत रहे हैं। संत कबीर ने कहा है ‘पक्की खेती देख के गर्व किया किसान…’ दोहे माध्यम से बताया कि जब तक सफलता नहीं मिल जाए यानी वैक्सीन नहीं आ जाती तब इस महामारी से लड़ाई कमजोर नहीं होने देनी है।

दुनियाभर के देश इस महामारी की वैक्सीन Vaccine बनाने के लिए जी जान से लगे हुए हैं। भारत में भी कई वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनमें से कुछ एडवांस्ड स्टेज पर चल रही हैं। साथ ही सरकार इस दिशा में भी निरंतर प्रयासरत है ताकि वैक्सीन आने के बाद देश के प्रत्येक नागरिक तक उसे आसानी से उपलब्ध करवाया जा सके।

मानस में लिखा है :

प्रधानमंत्री ने मोदी ने कहा कि रामचरितमानस में उपाय के साथ-साथ कई तरह की चेतावनियां भी दी गई हैं। एक दोहे के माध्यम से उन्होंने बताया कि कुछ चीजें ऐसी हैं जब तक उनका इलाज न मिल जाए तब तक उन्हें छोटा नहीं समझना चाहिए। इसलिए जब तक दवाई नहीं, तब तक कोई ढ़िलाई नहीं। चूंकि खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है।

ये भी सेवा का काम होगा :

अंत में उन्होंने कहा कि वह सभी को स्वस्थ देखना चाहते हैं। इसलिए दो गज की दूरी और मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें एवं समय-समय पर साबुन से हाथ जरूर धोएं। जागरुकता लाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया Media को लोगों तक बात पहुंचाने का बड़ा माध्यम बताते हुए कहा कि उन्हें भी इसमें पूरी सहभागिता निभानी चाहिए। यदि वह ऐसा करते हैं तो ये किसी सेवा से कम नहीं होगा।

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