यूपी में प्राइमरी स्कूल की एक टीचर द्वारा एक साल के भीतर 1 करोड़ रुपए सैलरी लेने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अनामिका शुक्ला नाम की यह टीचर उत्तर प्रदेश सरकार के प्राइमरी स्कूल में बच्चों को विज्ञान विषय पढ़ाती हैं। अनामिका की सैलरी का खुलासा उस वक्त हुआ जब इन प्राइमरी टीचर्स की सैलरी बनाई जा रही थी। सैलरी का जोड़ किया तो बाबू भी भौंचक्के रह गए। मामले ने तूल पकड़ा तो शिक्षा विभाग ने जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए।
ये है पूरा मामला :
बता दें कि यूपी के अंदर कुल 746 कस्तूरबा गांधी विद्यालय हैं। जिनमें से कुछ बालिका विद्यालयों में टीचर्स की नियुक्ति कॉन्ट्रेक्ट बेसिस पर की जाती है। इनमें अलीगढ़, अंबेडकरनगर, सहारनपुर और अमेठी के KGBV स्कूल शामिल हैं। और इन्हीं स्कूलों में अनामिका की ड्यूटी बताई जा रही है। यहां इन टीचर्स को 30 हजार रुपए महीने के हिसाब से सैलरी दी जाती है। ऐसे में अनामिका ने एक साथ 25 स्कूलों में पढ़ाकर करीब 13 महीने के भीतर 1 करोड़ की सैलरी उठा ली।
रीयल टाइम हाजिरी में भी सेंध :
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के फर्जीवाड़े को लेकर पहले भी शिकायतें आती थीं। जिसको लेकर इन स्कूलों में टीचर्स की रीयल टाइम मॉनिटरिंग के माध्यम से हाजिरी की व्यवस्था की गई है। अब टीचर्स को प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन हाजिरी लगानी होती है। ऐसे में एक टीचर एक से अधिक स्कूलों में अपनी हाजिरी कैसे दर्ज करवा सकती है? इसको लेकर भी अब सवाल खड़े हो गए हैं।
शिक्षा मंत्री बोले :
प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इस मामले को लेकर कहा कि मैनपुरी की रहने वाली अनामिका शुक्ला की पोस्टिंग बागपत में थी। जबकि उसकी जगह अलीगढ़, अमेठी, सहारनपुर और अंबेडकर नगर में अन्य चार टीचर नौकरी कर रही थीं। उनके खाते में भी लगभग पांच लाख रुपए का भुगतान हुआ है। इस मामले में शामिल जो भी अध्यापक और अधिकारी शामिल हैं उन सभी के खिलाफ एफआईआर के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सेल्फी सिस्टम लागू नहीं कर पाए। वहीं अब प्रदेश के सभी 746 कस्तूरबा विद्यालयों में शिक्षको की दोबारा से जांच की जाएगी।