राजस्थान में कोरोना के कम्यूनिटी संक्रमण फैलने के डर से राज्य सरकार ने प्रदेश की सीमाएं सील करने का आदेश जारी किया था। जिसको लेकर प्रदेश में एक बार फिर से लोगों में लॉकडाउन लगने की सुगबुगाहट शुरू हो गई। लेकिन कुछ देर बाद ही इस आदेश को दुरूस्त कर लिया गया और आदेश की कॉपी में संशोधन करते हुए सीमाओं को सील करने की जगह नियंत्रित करना लिखा गया। इससे पहले हरियाणा और दिल्ली सरकार भी बॉर्डर सील करने के आदेश दे चुकी हैं। जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतें झेलने पड़ी थीं।
बता दें कि बधवार को गृह विभाग के एसीएस राजीव स्वरूप ने राज्य के सभी कलक्टर्स को तुरंत प्रभाव से राज्य की सीमाएं नियंत्रित करने के निर्देश दिए थे। जिसको लेकर पीएचक्यू ने भी आदेश जारी कर दिए। इसमें प्रशासन एवं कानून व्यवस्था महानिदेशक एमएल लाठर की ओर से राज्य की सीमाओं पर पुलिस चैकपोस्ट लगा सीमाएं सील करने की बात कही गई थी। लेकिन कुछ देर बाद ही इस आदेश में संशोधन कर लिया गया। यह व्यवस्था प्रारंभिक तौर पर एक सप्ताह के लिए लागू की गई है।
इस कारण हुई गफलत :
पुराने आदेश में गलती से विषय में अंतर्राज्यीय सीमाओं को सील करने की बात लिखी गई थी। आदेश की कॉपी में नीचे अंतर्राज्यीय आवागमन को नियंत्रित करने की बात की गई थी। इसी गलती के चलते प्रदेश में एक बार फिर से लोगों के मन में लॉकडाउन का भय व्याप्त हो गया था। आदेश में कहा गया है कि अंतर्राज्यीय सड़क मार्गों पर तुरंत प्रभाव से पुलिस चैक पोस्ट स्थापित की जाए तथा बिना अनुमति पत्र के राज्य में अन्य राज्यों के व्यक्तियों को प्रवेश न दिया जाए।
यहां से मिलेगी अनुमति :
राज्य यह पास अथवा अनुमति पत्र जारी करने की शक्तियां जिला मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधीक्षक में को प्राप्त हैं। लेकिन यह अनुमति केवल आपातकालीन परिस्थितियों में जारी की जाएगी। अंतर्राज्यीय मार्गों के अलावा एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन एवं बस अड्डों पर भी तुरंत प्रभाव से पुलिस चैक पोस्ट स्थापित कर चैकिंग की व्यवस्था की जाए। तथा बिना अनुमति पास के आवागमन को रोका जाए।
सबसे ज्यादा होगी इन्हें परेशानी :
राज्य सरकार के अचानक इस व्यवस्था के चलते उन लोगों को परेशानी हो सकती है। जिनकी बस, रेल या हवाई टिकल आज की अथवा कल सुबह जल्दी की होगी। ऐसे में उन्हें परमिशन के लिए भी उचित समय नहीं मिल पाएगा। वहीं इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे भी हैं जो बगैर आपातकालीन परिस्थितियों के आ जा रहे थे। ऐसे में उनकी टिकट भी कन्फर्म हो चुकी है। अब यदि उन्हें जांच के दौरान रोका गया तो क्या उनकी टिकट का पैसा उन्हें रिफंड मिल पाएगा?